#LetAvniLive : बाघिन अवनी को मौत की सज़ा कितनी जायज़!

#LetAvniLive : बाघिन अवनी को मौत की सज़ा कितनी जायज़!
#LetAvniLive : बाघिन अवनी को मौत की सज़ा कितनी जायज़!

विवेक राय | Navpravah.com

अवनी

एक पाँच साल की बाघिन जो अपने दो बच्चों के साथ जंगल में रहती है , जिसको मारने के लिए पीछे छः महीने से पूरा प्रशासन पड़ा हुआ है … इटालीयन हाउंड्ज़ से लेके बदनाम शिकारी नवाब शफ़त अली तक की सेवाएँ ली जा रही है , फ़ेमस गोल्फ़र ज्योति रंधावा डॉग हैंड्लर की भूमिका में है इस पूरे ओपरेशन में …

लेकिन ऐसा क्या किया अवनी ने जिसके लिए सब उसके पीछे पड़ गए है , एक्चुआलि अवनी पर आरोप है कि पिछले दो सालों में अवनी ने तेरह लोगों को अपना शिकार बनाया और “मैन ईटर यानी कि आदमखोर “ हो गयी …. लेकिन ये आरोप केवल आरोप ही है क्यूँकि तेरह लोगों में से केवल एक की हत्या वैज्ञानिक रूप से प्रूफ़ हुयी है कि वो अवनी के हाथों मारा गया है बाक़ी बारह लोगों की हत्या का शक है अवनी के ऊपर ….

वैसे शेर मैन ईटर तब कहा जाता है जब वो आसान शिकार की ताक में मनुष्य को मार के खाने लगे , अक्सर घायल शेर मैन ईटर बनते है जब वो अन्य जनवारो(जो कि तेज़ होते है उनका शिकार करने में सक्षम नहीं रह पाते ) , दूसरा मैन ईटर बनते ही शेर बहुत कुटिल हो जाता है वो बडी धूर्तता से मनुष्यों में से भी कमज़ोर (बच्चों और बूढ़ों)को चुन के मारता है …. “मैन ईटर ऑफ़ रूद्रप्रयाग “ पढ़नी/देखनी चाहिए(यूट्यूब पर) कि वो तेंदुआ कैसे लोगों की बस्ती से बच्चे उठा ले जाता था , क्लेम करते है लोग कि माँ बाप के बीच में सोए हुवे बच्चे को भी वो इतनी सफ़ाई से उठाता था कि माँ बाप की नींद ना खुले …. ३३ से ज़्यादा मैन ईटर मारके विश्व प्रसिद्ध होने वाले जिम कार्बेट उस शिकार को अपने जीवन का सबसे मुश्किल शिकार बताते थे ….

हाँ तो बात कर रहे थे हम अवनी की , अवनी के ऊपर जिन हत्याओं का आरोप है उसमें से कोई हत्या बस्ती में घुस के नहीं की गयी है , अधिकतर केसों में लाश को खाया तक नहीं है उसने … रणथंबौर में “T-24 उर्फ़ उस्ताद” भी कुछ वक़्त पहले इसी तरह बदनाम हुआ था जब उसने एक के बाद एक तीन लोगों को मार दिया, बाद में जब इंवेस्टिगेशन हुयी तो पता चला कि एक झाड़ी में छुपे उस्ताद पर रोड बनाने में लगे मज़दूर ने मूत दिया था और मारा गया , दूसरी हत्या उसके द्वारा तब हुयी जब फ़ॉरेस्ट गार्ड सैनी उसके ‘किल’के बीच में आ गया ….

अवनी आज भी जंगल में अपना और अपने बच्चों का पेट भरने के लिए जानवरों का शिकार कर रही है , भूख लगने पर भी वो बस्ती और आसपास नहीं जा रही है… जितने भी लोग मारे गए है वो
सब ख़ुद शेर के घर में गए थे (रिस्ट्रिक्टेड एरीया में)….. फिर अवनी की ग़लती क्या है ? शायद ये कि वो इंसानो की बनायी दुनिया में अपना पक्ष नहीं रख सकती, हमारे बनाए पैरामीटर पर हमसे तर्क नहीं कर सकती,

अब हमें तय करना है कि हम इतनी छोटी छोटी बात/बिना किसी ग़लती के वन्य जीवों को मारते रहेंगे या हमारा स्टैंड कुछ अलग होगा??

मेरा मत एकदम साफ़ है #LetAvniLive

(आलेख साभार- विवेक राय की फेसबुक पोस्ट)

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