एनपी न्यूज़ डेस्क | Navpravah.com
सरकार कालाधन और टैक्स चोरी जैसे मामलों को रोकने के लिए कड़े एक्शन ले रही है, लेकिन फिर भी ऐसे मामले रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं। टैक्स चोरी करने वाले अपने लिए कोई न कोई जुगाड़ कर ही लेते हैं। इसी क्रम में टैक्स चोरों ने सीक्रेट तिजोरी खोज ली है, लेकिन ये आयकर विभाग के निशाने पर आ चुके हैं। आयकर विभाग ने दिल्ली में निजी तिजोरियों से अब तक कुल 85.2 करोड़ रुपए की नकदी, सोना-चांदी और आभूषण जब्त कर लिये हैं।
आयकर विभाग ने साउथ एक्सटेंशन इलाके से बीते शनिवार को निजी तिजोरी में स्थित कई लॉकरों से 61 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त की थी। सूत्रों के अनुसार, अब तक कुल 85.2 करोड़ रुपए का गुप्त कोष बरामद किया जा चुका है। आयकर विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि काफी समय से शिकायत मिल रही थी कि निजी कंपनियों की ओर से दी जा रही लॉकर सेवा का प्रयोग बड़े पैमाने पर कालाधन छुपाने के लिए किया जा रहा है और इसी के आधार पर जांच की जा रही है।
बैंकों में लॉकर मिलना आसान नहीं होता। काफी कागजी कार्यवाही पूरी करने के बाद बैंकों में लॉकर मिलता है। ऐसे में लॉकर की मांग का फायदा उठाते हुए कई निजी कंपनियों ने लॉकर किराए पर देने का काम शुरू किया है। इन कंपनियों को सरकार से किसी तरह की कोई मान्यता भी नहीं होती है। दिल्ली के साउथ एक्सटेंशन में निजी तिजोरियों में 1000 से ज्यादा तिजोरी किराए पर दी गई हैं। इन्हें सालाना 1.5 लाख रुपए प्रति लॉकर पर दिया जाता है। वहीं, बैंकों में लॉकर सिर्फ 1000 रुपए सालाना पर मिलते हैं।
आयकर विभाग के वरिष्ठ अधिकारी ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि दिल्ली में 100 से ज्यादा कंपनियां निजी लॉकर देने का काम कर रही हैं। यहां बिना KYC के ही लोगों को लॉकर की सुविधा दी जाती है। इन निजी लॉकर प्रदाताओं की किसी अथॉरिटी को भी रिपोर्टिंग नहीं है, यहां कोई CCTV कैमरा भी नहीं होता।