एनपी न्यूज़ डेस्क | Navpravah.com
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने कहा कि, केंद्र यौन शोषण के शिकार पीड़ित लड़कों को न्याय दिलाने के लिए पोक्सो कानून में संशोधन करने की योजना बना रहा है।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा 12 साल की उम्र तक की लड़कियों से बलात्कार करने वाले दोषियों को मौत की सजा देने वाले अध्यादेश को मंजूरी देने के बाद केंद्र इस पर विचार कर रहा है।
मंत्रालय ने कल अपने आधिकारिक टि्वटर हैंडल पर कहा, सरकार हमेशा लैंगिक निष्पक्ष कानून बनाने के लिए प्रयासरत रहती है। सरकार ने यौन शोषण के शिकार लड़कों को न्याय दिलाने के लिए पोक्सो कानून में संशोधन का प्रस्ताव दिया है।
मेनका ने कहा, बाल यौन शोषण का सबसे अधिक नजरअंदाज किए जाने वाला वर्ग पीड़ित लड़कों का है। बाल यौन शोषण में लैंगिक आधार पर कोई भेद नहीं है।
बचपन में यौन शोषण का शिकार होने वाले लड़के जीवन भर गुमसुम रहते हैं। क्योंकि इसके पीछे कई भ्रांतियां और शर्म है। यह गंभीर समस्या है और इससे निपटने की जरुरत है।