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उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने रविवार को बागी विधायकों की कथित खरीद-फरोख्त में खुद की संलिप्तता दिखाने वाली स्टिंग सीडी में अपनी मौजूदगी को स्वीकार किया है जिसे वे अब तक ‘फर्जी और गलत’ बता रहे थे लेकिन यह भी कहा है कि यह सब भाजपा के आपराधिक षड्यंत्र का हिस्सा था और इसके लिए वे जेल जाने को तैयार हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री रावत ने आरोप लगाया कि एक अपराधिक षड्यंत्र के तहत सीडी प्रकरण व सीबीआई जांच को लेकर राजनीति की जा रही है। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह अपने दिलों दिमाग में मुझ पर जो भी जुल्म करने की सोच रहे हैं, मैं उसे भी सहने को तैयार हूं।“
रविवार को रावत ने स्टिंग सीडी में अपनी मौजूदगी को स्वीकार करते हुए कहा कि पत्रकार से मिलना कोई अपराध नहीं है। उन्होंने कहा, “क्या किसी पत्रकार से मिलना कोई अपराध है? क्या तब तक तकनीकी रूप से अयोग्य घोषित नहीं हुए विधायकों में से किसी ने भी मुझसे बातचीत की, इससे क्या फर्क पडता है? राजनीति में क्या किसी चैनल को हम बंद कर सकते हैं?”
पूर्व मुख्यमंत्री ने ये दावा किया कि सीडी में से ऐसा कुछ भी प्रमाणित हो जाए कि उन्होंने असंतुष्ट विधायकों का समर्थन लेने के बदले में उन्हें नकद या किसी और प्रकार की पेशकश की तो वह जनता के सामने फांसी पर लटकने को तैयार हैं।
रावत के इस बयान से यह स्पष्ट हो गया है कि उनके और स्टिंग सीडी बनाने वाले उस पत्रकार के बीच मुलाकात हुई थी। रावत अब तक सीडी की सत्यता को ही चुनौती देते रहे थे और उन्होंने उसे ‘फर्जी और गलत’ बताया था।
गौरतलब है कि एक निजी चैनल के मुख्य संपादक द्वारा बनायी गयी और रावत के खिलाफ बागी हो गये नौ कांग्रेस विधायकों द्वारा प्रसारित की गयी स्टिंग सीडी में कथित रूप से रावत को बागी विधायकों का समर्थन हासिल करने के लिये पत्रकार से सौदेबाजी करते दिखाया गया था। गत 18 मार्च को नौ कांग्रेस विधायकों के बागी हो जाने और राज्य विधानसभा में भाजपा के साथ खड़े हो जाने के बाद प्रदेश में सियासी संकट पैदा हो गया था जिसके परिणामस्वरूप 27 मार्च को राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू किया गया।
अपनी सफाई में रावत ने कहा, “मेरे लिए कोई क्यों 15 करोड़ रुपये खर्च करेगा? वह पत्रकार मेरा मन बहलाने के लिए कुछ अर्थहीन बातें कर रहा था और मैंने उसका मन बहलाने के लिए ऐसे ही कुछ कह दिया। इससे क्या फर्क पड़ता है? हम रोजाना इस प्रकार की बातें कहते रहते हैं। क्या इसका मतलब है कि उनका प्रयोग हमारे खिलाफ किया जाए?”
रावत के प्रधानमंत्री और शाह पर लगाये गये आरोपों की बाबत प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अजय भट्ट ने कहा कि सत्ता से बेदखल होने से रावत का मानसिक संतुलन बिगड़ गया है और इसी के कारण वे बौखलाहट में ऊट पटांग बातें कर रहे हैं।