प्रधानमंत्री जी बताएँ कि उन्हें कौन जान से मारना चाहता है -कांग्रेस

अनुज हनुमत,

आज से संसद के शीतकालीन सत्र की शुरूआत हुई और पहले ही दिन सरकार और विपक्ष के बीच जमकर गहमागहमी हुई। आज जैसे ही संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही शुरू हुई, वैसे ही विपक्ष ने सबसे पहले नोटबंदी के मुद्दे पर सरकार को घेर लिया।

गौरतलब हो कि इससे पहले पीएम ने अपील करते हुए कहा था कि राष्ट्रहित के मुद्दों पर सभी दलों का साथ होना ज़रूरी है। लेकिन नोटबंदी को लेकर संसद पहले ही दिन से ही गरमा गई है। बता दें कि शीतसत्र से एक दिन पहले सर्वदलीय बैठक भी हुई, लेकिन आज पहले दिन उसका कोई प्रभाव देखने को नहीं मिला।

सुबह सुबह कार्यवाही शुरू होते ही राज्यसभा में नोटबंदी पर सपा का पक्ष रखते हुए रामगोपाल यादव ने कई प्रमुख बातें कहीं। ज्ञात है कि कुछ दिनों पहले ही सपा ने रामगोपाल को पार्टी से निकाल दिया था, लेकिन आज वो पार्टी की तरफ से ही अपनी राय रखते हुए नजर आये । 

सरकार की तरफ से पक्ष रखते हुए पीयूष गोयल ने कहा कि इस फैसले से ईमानदार लोगों को एक रूपये का भी नुकसान नहीं होगा। साथ ही उन्होंने ये भी कहा, ‘हमने तो कभी नोटबंदी को सर्जिकल स्ट्राइक का नाम नहीं दिया, आप अगर ऐसा मानते हैं तो अच्छी बात है।

आनंद शर्मा ने राज्यसभा में पूछा कि प्रधानमंत्री ने अपने गाजीपुर रैली में कहा ‘मेरी जान को खतरा है, लोग मुझे मार देंगे’! उन्होंने पूछा कि प्रधानमंत्री जी देश को बताइये की आपको कौन मारना चाहता है?

कुल मिलाकर आज शीतकालीन सत्र के पहले दिन शुरुआती कार्यवाही को देखते हुए तो यही अंदाज़ा लगाया जा रहा है कि विपक्ष संसद की कार्यवाही नहीं चलने देगा। क्योंकि विपक्ष नोटबंदी वाले मुद्दे पर सरकार को घेरने की हर कोशिश में लगा है। 

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