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उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने की चर्चा ने ज़ोर पकड़ लिया है. उत्तराखंड के राजनीतिक संकट पर कल एक केंद्रीय कैबिनेट की बैठक बुलाई गई थी, जिसमे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल थे. उत्तराखंड में पिछले कई दिनों से चल रहे सियासी गहमागहमी को लेकर चर्चा तो हुई लेकिन बैठक में कोई फैसला नहीं लिया गया.
उत्तराखंड को लेकर अब केंद्र भी गम्भीर होता नज़र आ रहा है. कल मंत्रिमंडल की हुई बैठक में कोई फैसला नहीं हुआ लेकिन आज होने वाली बैठक में किसी नतीजे तक पहुंचा जा सकता है. कल बैठक समाप्त होने के बाद भाजपा के प्रतिनिधि मंडल ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाक़ात की. कल बुलाई गई बैठक में उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लगाने समेत केंद्र के सामने उपलब्ध विभिन्न विकल्पों पर लगभग एक घंटे तक चर्चा हुई.
मंत्रिमंडल स्तरीय बैठक में क्या-क्या बातें हुईं, इसका कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है. राजनीतिक जानकारों का मानना है कि स्टिंग ऑपेरशन के बाद उत्तराखंड पर संकट मंडराता नज़र आ रहा है. गौरतलब है कि उत्तराखंड में राजनीतिक सरगर्मी और तब बढ़ गई जब हरीश रावत को एक स्टिंग विडिओ में विधायकों की खरीद फरोख्त करते देखा गया. जिसकी चौतरफा आलोचना की जा रही है.
हालाँकि बागी विधायकों ने भी सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए राज्य में राष्ट्रपति शासन की मांग की है. इस मामले में काफी कुछ आज होने वाली मंत्रिमंडल स्तरीय बैठक में तय होने के आसार हैं.