अनुज हनुमत
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर महात्मा गांधी की हत्या का आरोप लगाने के मामले में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि केस में आज सुनवाई टल गई है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में राहुल गांधी द्वारा संघ की सामूहिक निंदा करने को गलत बताया। सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी से कहा है कि या तो वह इस मामले पर माफी मांगे या फिर ट्रायल फेस करें।
राहुल गांधी ने अपनी याचिका में अपने खिलाफ महाराष्ट्र की एक निचली अदालत में चल रहे इस आपराधिक मानहानि से जुड़े मामले को रद्द करने की मांग की थी लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी पर टिप्पणी करते हुए कहा,” ‘नाथूराम गोडसे ने महात्मा गांधी को मारा’, ‘RSS के लोगों ने गांधी जी को मारा’, इन दोनों बातों में बहुत फर्क है। जब आप किसी व्यक्ति विशेष के बारे में बोलते हैं तो सतर्क रहना चाहिए।” कोर्ट ने राहुल के भाषण पर सवाल उठाए और आश्चर्य जताया कि उन्होंने गलत ऐतिहासिक तथ्यों का उद्धरण देकर भाषण क्यों दिया?
कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि अगर राहुल गांधी को लगता है कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं कहा तो उन्हें ट्रायल का सामना करना चाहिए। ये टिप्पणी सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस दीपक मिश्रा और जस्टिस रोहिंटन नरीमन की सयुंक्त बेंच ने मंगलवार को की है ।
जानकारी के लिए आपको बता दें कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की हत्या के लिए दोषी ठहराने वाले बयान के खिलाफ राजेश महादेव कुंटे नाम के एक शख्स ने राहुल गांधी के ख़िलाफ़ भिवंडी, महाराष्ट्र में आपराधिक मानहानि का मुकदमा दर्ज करवाया है। इस बाबत दर्ज एफआईआर को राहुल गांधी रद्द करवाना चाहते हैं,जिसके लिए उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी लगाई है ।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में आगे कहा, “हम सिर्फ ये देखेंगे कि ये मामला धारा-499 यानी आपराधिक मानहानि के तहत आता है या नहीं।”
कुल मिलाकर इस बार राहुल गांधी को कोर्ट के फैसले से निराशा ही हाथ लगी है।