शिखा पाण्डेय,
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नीति आयोग में ‘भारत परिवर्तन’ विषय पर व्याख्यान देते हुए कहा कि आज सभी देश एक-दूसरे पर निर्भर और एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं। कोई भी देश अकेले विकास नहीं कर सकता क्योंकि हर देश के अपने संसाधन, अनुभव और शक्ति होती है।
आज सभा को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि हमें कानून बदलने हैं, गैरजरूरी प्रक्रियाओं को हटाना है, प्रक्रिया तेज करनी है और तकनीक को अपनाना है। श्रोताओं में मोदी का पूरा मंत्रिमंडल उपस्थित था।
मोदी ने कहा कि यदि भारत को परिवर्तन की चुनौतियों से निपटना है तो केवल रत्ती-रत्ती आगे बढ़ने से काम नहीं चलेगा। पूर्ण कायाकल्प की आवश्यकता है। इसलिए मेरा विचार है कि यहां रत्ती-रत्ती प्रगति नहीं बल्कि तीव्र परिवर्तन होना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने कहा कि शासन में बदलाव मानसिकता में बदलाव के बिना नहीं हो सकता और मानसिकता में बदलाव तब तक नहीं होगा जब तक की विचार परिवर्तनकारी न हों। मोदी ने कहा कि हम 19वीं सदी की प्रशासनिक प्रणाली के साथ 21वीं सदी में आगे नहीं बढ़ सकते। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह बदलाव बाह्य और आंतरिक दोनों कारणों से होना चाहिए।
मोदी ने कहा कि हो सकता है, तीस साल पहले देशों की दृष्टि केवल अपने अंदर तक ही सीमित रहती हो और वे अपने समाधान अपने अंदर से ही ढूंढते रहे हों। पर आज देश परस्पर एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। आज कोई देश अपने को दूसरों से अलग रख कर विकास नहीं कर सकता। हर देश को अपने काम को वैश्विक कसौटियों पर कसना होता है, किसी ने ऐसा नहीं किया तो वह पीछे छूट जाएगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि बदलाव आंतरिक वजहों से भी आवश्यक है। आज युवा पीढ़ी की आकांक्षाएं इतनी ऊंची हो गयी हैं कि कोई सरकार अतीत में अटकी नहीं रह सकती है।