सौम्या केसरवानी । Navpravah.com
कांग्रेस के कद्दावर नेता शंकर सिंह वाघेला का आज जन्मदिन है, जो कभी संघ और बीजेपी का बड़ा चेहरा हुआ करते थे, गुजरात कांग्रेस के विपक्ष के नेता शंकरसिंह वाघेला इस बात को लेकर अरसे से सुर्खियों में है कि वह कांग्रेस में रहेंगे या बीजेपी में लौट जाएंगे, खुद वाघेला ये कह कर विवाद को इन अटकलों को हवा देते रहे हैं कि ‘वह आज कांग्रेस में हैं, कल का क्या पता।’
शंकरसिंह वाघेला दिल्ली आए तो माना गया कि यह कांग्रेस से उनके समझौते का आखरी मौका था, लेकिन वाघेला ने गुजरात भवन में मीडिया से बात की और कहा कि वह किसी निजी काम से दिल्ली आए थे और अब वापस अहमदाबाद जा रहे हैं, उन्होंने साफ किया कि वह न राहुल से मिलने वाले हैं और ना सोनिया गांधी से मिलने वाले हैं।
यह बात यहाँ साफ होती दिख रही है कि वाघेला और कांग्रेस के बीच माहौल ठीक नहीं है, कांग्रेस के सूत्र कहते हैं कि पार्टी ने तो वाघेला को मुख्यमंत्री की कुर्सी तक ऑफर कर दी है, हालांकि आईटीडीसी के चेयरमैन रहते हुए वाघेला पर भ्रष्टाचार के आरोपों ने ‘गुजरात के बापू’ को बैकफुट पर ला दिया है, शायद इसीलिए वह मजबूरी में कांग्रेस का दामन छोड़ना चाहते हैं।
हालांकि 76 वर्षीय वाघेला के करीबियों का कहना है कि वह अपनी उम्र का हवाला देकर राजनीति से सन्यास की घोषणा कर दें, लेकिन अपने बेटे को BJP भेज कर वह खुद को सीबीआई से भी बचा लेंगे और कांग्रेस से भी रास्ता निकाल लेंगे।
दिल्ली आए वाघेला ने हर सवाल के जवाब में सिर्फ इतना कहा कि वह व्यक्तिगत कारणों से दिल्ली आए हैं, हालांकि यहां वाघेला का अहमद पटेल से भी मुलाकात नहीं करना बताता है कि मामला कुछ गड़बड़ है।