आशीष पाण्डेय,
देशद्रोह के आरोपी और जेएनयू के छात्र उमर खालिद ने अपने फेसबुक पेज पर भारतीय सैन्यशक्ति पर एक बार फिर कटाक्ष करते हुए, मृत आतंकवादी बुरहान वानी को शहीद साबित करने की कोशिश की है।
खालिद ने बुरहान की हिमायत करते हुए उसकी शख्सियत को वामपंथी क्रांतिकारी चे ग्वेरा से जोड़ दिया है। उल्लेखनीय है कि उमर ने जिस अर्नेस्तो चे ग्वेरा का जिक्र किया है। वे अर्जेन्टीना के मार्क्सवादी क्रांतिकारी थे और क्यूबा की क्रांति में मुख्य भूमिका निभाई थी। इनकी मृत्यु के बाद से इनका चेहरा दुनियाभर में सांस्कृतिक विरोध एवं वामपंथी गतिविधियों का प्रतीक बन गया।
उमर के फेसबुक पर पोस्ट किया , “चे ग्वेरा ने कहा था कि अगर मैं मारा भी जाऊं तो मुझे तब तक फर्क नहीं पड़ता जब तक कोई और मेरी बंदूक उठाकर गोलियां चलाता रहेगा।” उसने लिखा,” शायद यही शब्द बुरहान वानी के भी रहे होंगे। बुरहान मौत से नहीं डरता था, वो ऐसी जिंदगी से डरता था, जो बंदिश में जी जाए। उसने इसका विरोध किया। वो आज़ाद जिया और आज़ाद मरा। कश्मीर पर कब्ज़े का खात्मा हो। भारत, तुम उन लोगों को कैसे हराओगे, जिन्होंने अपने डर को हरा दिया है। हमेशा ताकतवर रहो बुरहान। कश्मीर के लोगों के साथ पूरी सहानुभूति। #FreeKashmir ।”
आपको याद दिला दें कि जेएनयू छात्र उमर खालिद पर 9 फरवरी की रात कैंपस में संसद हमले के दोषी अफजल गुरु की बरसी मनाने के साथ ही उसके समर्थन और देश के विरोध में नारे लगाने के आरोप हैं। इसी मामले में छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार और अनिर्बान समेत 21 छात्रों के नाम जुड़े थे। फिलहाल उमर, कन्हैया व अनिर्बान को जमानत पर रिहा किया गया है।