शिखा पाण्डेय,
आम आदमी पार्टी पर आज कल दुखों का पहाड़ टूटा हुआ दिखाई दे रहा है। एक के बाद एक अशुभ समाचारों की झड़ी सी लगी है। अब अरविंद केजरीवाल को दिल्ली हाई कोर्ट ने भी एक बड़ा झटका दे दिया है। दिल्ली सरकार ने 21 विधायकों की मदद के लिए जिन 21 संसदीय सचिवों की नियुक्ति की थी, हाईकोर्ट ने उन 21 संसदीय सचिवों की नियुक्ति रद्द कर दी है। इन 21 विधायकों और सचिवों में अलका लांबा, जरनैल सिंह, राजेश गुप्ता और आदर्श शास्त्री के नाम अहम हैं।
विस्तार में जानें मामला-
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पिछले साल मार्च में दिल्ली के 21 विधायकों को मंत्रियों की सहायता के लिए संसदीय सचिव के पद पर नियुक्त किया था। दिल्ली सरकार के इस कदम के खिलाफ गैर सरकारी संस्था ‘राष्ट्रीय मुक्ति मोर्चा’ ने एक जनहित याचिका दाखिल की थी।
याचिका में एनजीओ ने इन नियुक्तियों को खत्म करने की मांग की थी और इसे असंवैधानिक, अवैध व अधिकार क्षेत्र से बाहर बताया था। याचिका में यह भी कहा गया था कि केजरीवाल को संसदीय सचिवों को शपथ ग्रहण कराने का कोई अधिकार नहीं है।
हाई कोर्ट के फैसले पर दिल्ली सरकार का कहना है,” हाई कोर्ट का फैसला कहता है कि सभी फाइलें उपराज्यपाल द्वारा ही स्वीकृत होनी चाहिए। लेकिन यह अपॉइंटमेंट उनके द्वारा क्लियर नहीं था। इसलिए हम अपने ऑर्डर को विथड्रॉ करते हैं।”