शिखा पाण्डेय | Navpravah.com
सब टीवी पर प्रसारित होने वाला शो ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ जिस मशहूर लेखक की लेखनी से प्रेरित है, उन तारक मेहता का आज निधन हो गया। जी हां! अपने लेख से करोड़ों दिलों को गुदगुदाने व सोचने पर मजबूर कर देने वाले गुजरात के मशहूर लेखक और कॉलम्निस्ट तारक मेहता ने आज सब को अलविदा कह दिया।
अपने लेखन से दुनिया को प्रेरित करने वाले तारक मेहता ने अपनी मौत से भी दुनिया को एक अद्भुत प्रेरणा दी है। तारक की आखिरी इच्छा के अनुसार उनके परिवार ने उनके दाह संस्कार की बजाय ‘अंगदान’ का उत्तम फैसला किया है।
पद्मश्री सम्मान से नवाज़े जा चुके तारक मेहता 88 वर्ष के थे। उनके परिवार ने देह-दान का निर्णय लिया है, क्योंकि यही उनकी आख़िरी इच्छा थी। वो हमेशा यह बात दोहराते थे कि जब उनका देहांत हो तो वे देह-दान कर सकें। उनकी एक बेटी अमेरिका में हैं। उन तक ख़बर पहुंच चुकी है। परिवार के सदस्य उनके आ जाने के बाद ही आगे की कार्यवाही करेंगे।
आपको बता दें कि ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ का निर्माण उनके ही लोकप्रिय कॉलम ‘दुनिया ने ऊंधा चश्मा’ की तर्ज़ पर हुआ था। शो के निर्माता असित मोदी ने तारक मेहता के निधन पर दुःख प्रकट किया है। असित ने बताया कि वे बचपन से ही तारक के कॉलम के फैन थे और उनके ज़हन में एक दिन यूं ही ये बात आयी कि इस पर शो बनना चाहिए। वजह यह थी कि तारक के उस कॉलम में हमेशा समाज के छोटे-छोटे मुद्दे की बात होती थी और लोग उन बातों से प्रभावित थे।
असित ने आगे बताया कि जब उन्होंने तारक से शो के लिए इजाज़त मांगी, तो वे इसलिए तैयार हो गए, क्योंकि वे इस बात से वाकिफ थे कि असित अच्छे कॉमडी शो बनाते हैं। पहले तो वे शो में हुए फेर-बदल से नाराज़ होते थे। लेकिन धीरे-धीरे जैसे जैसे शो आगे बढ़ा। वो आश्वस्त हुए। वक़्त के साथ-साथ उन्हें भी यह संतुष्टि मिली कि शो में उनके कॉलम के साथ पूरी तरह से न्याय किया गया है।
‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ ने कई कीर्तिमान अपने नाम किये हैं। शो को लगातार कई सालों तक टीवी के अवार्ड समारोह में ‘बेस्ट कॉमेडी शो’ का ख़िताब मिलता रहा है। वर्ष 2012 में इस शो ने हजार एपिसोड पूरे किये थे। यह तारक मेहता के लेखन का ही कमाल था कि गुजरात की पृष्ठभूमि पर बने इस शो से पूरा भारत जुड़ गया।