सौम्या केसरवानी | navpravah.com
राफेल डील मामले में SC ने केंद्र सरकार से सीलबंद लिफाफे में डील की जानकारी मांगी है, सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने सरकार पर डील में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया।
वहीं केंद्र सरकार की ओर से पेश अटॉर्नी जनरल ने कहा कि, यह राष्ट्रीय सुरक्षा का मसला है और जनहित याचिका राजनीतिक मकसद से दायर की गई है ऐसे में कोर्ट इस तरह की याचिका पर गौर ना करें। दरअसल, राफेल डील के खिलाफ तीन जनहित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा था, हालांकि तीसरे याचिकाकर्ता तहसीन पूनावाला ने अपनी याचिका वापस ले ली है।
इसके बाद अन्य दो वकीलों की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से राफेल डील की जानकारी मांगी है, बंता दें कि, एक वकील विनीत ढांडा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि कोर्ट डील पर सरकार से रिपोर्ट ले और देखे कि सब सही है या नहीं.वहीं दूसरे वकील ने अपनी याचिका में डील को रद्द करने की मांग की है।
फ्रांस से राफेल डील मामले में लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर बहस के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सीधे प्रधानमंत्री पर गंभीर आरोप लगाए थे, डील की गोपनीयता संबंधी शर्त पर फ्रांस की पुष्टि के बाद खुद पीएम ने राहुल पर पलटवार किया था।
राफेल डील के तहत 36 राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद के लिए भारत और फ्रांस की सरकारों ने एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे, राफेल लड़ाकू विमान दोहरे इंजन वाला अनेक भूमिकाएं निभाने वाला मध्यम लड़ाकू विमान है. इसका निर्माण फ्रांसीसी एयरोस्पेस कंपनी डसॉल्ट एविएशन करती है.राफेल विमान फ्रांस की डेसाल्ट कंपनी द्वारा बनाया गया 2 इंजन वाला लड़ाकू विमान है।