राजेश सोनी | Navpravah.com
सर्वोच्च न्यायालय ने आज बालिग जोड़े के प्रेम विवाह को लेकर एक बड़ा फैसला सुनाया है। सर्वोच्च न्यायालय ने फैसला सुनाते हुए कहा कि खाप पंचायतें अब बालिग जोड़े को प्रेम विवाह करने से नहीं रोक सकती हैं। सर्वोच्च न्यायलय ने कहा कि अब कोई भी बालिग पुरुष या महिला अपनी इच्छा से शादी कर सकते हैं और इसमें कोई खाप पंचायत दखल नहीं कर सकता है।
मुख्यन्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायाधीश ए एम खानविलकर और न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की पीठ ने प्रेम विवाह करने वाले जोड़ों पर खाप पंचायतों द्वारा किए जाने वाले अत्याचार के लिए केंद्र की मोदी सरकार पर फटकार लगाई है। सर्वोच्च न्यायालय का मानना है कि बालिग जोड़ों पर हो रहे अत्याचारों को रोकने में केंद्र सरकार अब तक विफल रही है।
मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा ने कहा कि कोई भी व्यक्ति महिला या पुरुष अपने पसंद के किसी भी व्यक्ति से शादी कर सकते हैं। खाप पंचायतें इन शादियों पर सवाल नहीं खड़ा कर सकती है। सर्वोच्च न्यायलय ने अंतर-जातीय विवाह करने वाले जोड़ों के खिलाफ खाप पंचायतें या ऐसे किसी भी संगठन द्वारा किए जाने वाले अत्याचारों को पूरी तरह से गैर-क़ानूनी माना जाएगा। अगर केंद्र सरकार ऐसे खाप पंचायतों को प्रतिबंधित करने की दिशा में कोई कदम नहीं उठाती है, तो अदालत इसमें दखल देगी।