ब्यूरो | navpravah.com
नई दिल्ली | चुनावी बॉन्ड (Electoral Bonds) मामले में सुप्रीम कोर्ट ने SBI की याचिका खारिज करते हुए 12 मार्च तक ब्योरा देने के निर्देश दिए हैं। साथ ही EC को 15 मार्च तक ये ब्योरा पब्लिश करने के निर्देश दिए गए हैं। कोर्ट ने SBI CMD को ब्योरा जारी कर हलफनामा दाखिल करने को कहा है। कोर्ट ने SBI के खिलाफ अवमानना कार्रवाई शुरू करने से इनकार किया। SC ने चेतावनी दी कि हम एसबीआई को नोटिस देते हैं कि यदि एसबीआई इस आदेश में बताई गई समयसीमा के भीतर निर्देशों का पालन नहीं करता है, तो न्यायालय जानबूझकर अवज्ञा के लिए उसके खिलाफ कार्यवाही कर सकता है।
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डी.वाई.चंद्रचूड़ ने आदेश देते हुए कहा कि एसबीआई ने कहा कि कैश कराने वाले की जानकारी भी अलग से रखी है। दोनों को मिलाना कठिन काम है। 22 हजार से अधिक चुनावी बॉन्ड साल 2019 से 2024 के बीच खरीदे गए। 2 सेट्स में आंकड़े होने के चलते कुल आंकड़ा 44 हजार से अधिक है। ऐसे में उसके मिलान में समय लगेगा। हम एसबीआई का आवेदन खारिज कर रहे हैं। कल यानी 12 मार्च तक उपलब्ध आंकड़ा दे। चुनाव आयोग 15 मार्च तक उसे प्रकाशित करे। हम अभी एसबीआई पर अवमानना की कार्रवाई नहीं कर रहे हैं, पर अब पालन नहीं किया तो अवमानना का मुकदमा चलाएंगे।
मुंबई में ही हैं दोनों डीटेल्स, तो परेशानी कहां?: SC
SBI की याचिका पढ़ते हुए CJI ने कहा,’ आवेदन में आपने (SBI) कहा है कि सभी जानकारी सील करके एसबीआई की मुंबई मुख्य शाखा भेज दी गई। मुख्य शाखा में भुगतान की पर्चियां भी भेजी गईं। यानी दोनों विवरण मुंबई में ही हैं। लेकिन, हमने जानकारी का मिलान करने का निर्देश नहीं दिया था। हम तो सिर्फ यह चाहते थे कि एसबीआई डोनर्स की स्पष्ट जानकारी दे।’
SBI ने जानकारी ना दे पाने के पीछे दिया ये हवाला-
SBI की तरफ से पेश हुए हरीश साल्वे ने कहा कि बॉन्ड खरीदने की तारीख के साथ बॉन्ड का नंबर और उसका विवरण भी देना होगा। इस पर CJI ने पूछा कि जब फैसला 15 फरवरी को सुनाया गया था और आज 11 मार्च हो गया है। अब तक फैसले का अनुपालन क्यों नहीं किया गया? सुप्रीम कोर्ट सवाल पर साल्वे ने कहा कि हम पूरी सावधानी बरत रहे हैं। ताकी गलत जानकारी देने के लिए हम पर मुकदमा ना हो जाए। इस पर जस्टिस खन्ना ने कहा कि इसमें मुकदमे की क्या बात है। आपके (SBI) पास सुप्रीम कोर्ट के आदेश हैं।