शिखा पाण्डेय,
आज रामनाथ गोयनका पुरस्कार वितरण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विभिन्न कैटेगरिज़ में पुरस्कार प्रदान किए व सभी पुरस्कार पाने वालों को ढेर सारी बधाइयां दीं। प्रधानमंत्री ने कहा कि आजादी के बाद भारत के लोकतंत्र को मतबूत बनाने में भारत की पत्रकारिता का अहम योगदान रहा है।
मोदी ने कहा,”आजादी के आंदोलन में अखबार अभिव्यक्ति का सशक्त माध्यम रहा है व पत्रकारिता की विकास यात्रा आजादी के आंदोलन से जुड़ी थी।” नरेंद्र मोदी ने रामनाथ गोयनका की तारीफ करते हुए कहा कि बहुत कम लोगों ने आपातकाल को चुनौती दी, आपातकाल को चुनौती देने में रामनाथ जी सबसे आगे रहे। प्रधानमंत्री ने कहा कि बहुत कम लोग अपने जीवनकाल के बाद अपना नाम बनाते हैं। उन्होंने कहा कि मैं खुशकिस्मत हूँ कि मुझे गोयनका जी के दर्शन करने का सौभाग्य मिला।
नरेंद्र मोदी ने कहा कि पत्रकारिता केवल कलम तक ही सीमित नहीं रही। उन्होंने कहा कि ज्यादातर पत्रकारिता में सेवा का भाव देखने को मिला है, हमारे देश के हर बड़े व्यक्ति का जुड़ाव पत्रकारिता से रहा है।
मीडिया द्वारा खबरों को सनसनीखेज़ बनाने की दिशा में की गई तामाम उठापटक पर मोदी ने चुटकी लेते हुए कहा कि अगर कहीं एक्सीडेंट होता है तो मीडिया में आता है कि एक वीएमडब्ल्यू कार ने दलित को कुचला। मोदी ने कहा, “मैं मांफी चाहता हूं, लेकिन मुझे बताइये कि बीएमडब्ल्यू कार या उसे चलाने वाले को कहां पता था कि कुचलने वाला दलित है?”
नरेंद्र मोदी ने कहा, “मेरा सौभाग्य रहा कि मुझे रामनाथ गोयनका जी के दर्शन हुए थे। जयप्रकाश जी के आंदोलन का वह काल था। रामनाथ जी के भीतर जो आग थी वो आग हम अनुभव कर सकते थे। वह आग किसी एक अखबार के लिए नहीं थी। उनकी भावनाओं के लिए अखबार भी छोटा पड़ता था। जयप्रकाश जी के पीछे वे एक ताकत बनकर खड़े रहे।”