शिखा पाण्डेय,
योग गुरू बाबा रामदेव ने 1000 व 500 के नोट बंद किए जाने के ऐतिहासिक फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि ऐसे निर्णय लेने के लिए मजबूत राजनीतिक इच्छाशक्ति की जरूरत होती है। उन्होंने कहा,” नरेन्द्र मोदी प्रथम प्रधानमंत्री हैं, जिन्होंने इतना साहसी कदम उठाया है। इसके दूरगामी परिणाम निकलेंगे।” बाबा ने कहा कि प्रधानमंत्री के इस निर्णय से नक्सलवाद और अपराधों पर अंकुश लगेगा।
बाबा रामदेव ने ग्लोबल राजस्थान एग्रोटेक मीट (ग्राम) को सम्बोधित करते हुए मज़ाकिया लहज़े में कहा, “हम तो बाबा जी हैं, बैंक में खाता खोला ही नहीं है। हजार और पांच सौ के नोट अपने पास तो थे ही नहीं। इन नोट को बंद करके बहुत अच्छा काम किया है, यहां तो जेब ही नहीं है।” बाबा ने कहा कि भविष्य में पांच सौ रूपये और दो हजार रूपये के नोट कम से कम आयें ऐसी भी अपील हम प्रधानमंत्री से करेंगे।
ग्लोबल एग्रोटेक कार्यक्रम में शिरकत करने बुधवार को जयपुर पहुंचे योग गुरू बाबा रामदेव ने संवाददाताओं से बातचीत करते हुए बताया कि नरेंद्र मोदी के गुजरात के मुख्यमंत्री कार्यकाल के दौरान मैं गुजरात गया था। उस वक्त मैंने भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए पांच सौ और एक हजार रूपये का नोट बंद करने का सुझाव दिया था। उस वक्त उनके पास उतने अधिकार नहीं थे, जब अधिकार मिला तो मोदी ने यह साहस भरा कदम उठाया।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री एफडीआई के लिये पूरी दुनिया में घूमे, उन्हें नहीं पता कितना पैसा आया, लेकिन रिजर्व बैंक की रिपोर्ट के अनुसार 28 अक्टूबर 2016 तक भारत ने 17.77 लाख करोड़ रुपए छपे और उसमें से 86 प्रतिशत पांच सौ और हजार रूपए के नोट थे। देश की अर्थव्यवस्था में 15 लाख करोड़ रूपए के पांच सौ और हजार रूपये के नोट प्रचलन में हैं। एफडीआई आई हो या ना आई हो,लेकिन यह नोट जरूर आ जायेंगे।
राजस्थान की प्रशंसा करते हुए बाबा ने कहा कि खाद्यान्नों के मामले में वह राजस्थान को समृद्व और उज्जवल भविष्य के रूप में देखते हैं। उन्होंने कहा, “प्रदेश के किसानों को आटा, गेंहूं, चावल, दाल, मसाला में उन्नत किस्म की पैदावार का लाभ मिलना चाहिए। किसान जब समृद्व होगा, तब भारत में समग्र समृद्वि, स्थाई समृद्वि समृद्वि होगी।” उन्होंने किसानों को जोधपुर की मूंग की दाल और एलोवेरा की अधिक फसल लेने का सुझाव दिया।
बाबा ने बताया कि पंतजलि राजस्थान में बहुत बड़ा मेगा फूडपार्क लगायेगा, जिसमें सरकार को मदद करनी पड़ेगी क्योंकि विदेशी कम्पनियां तो उनकी मदद नहीं करेंगी। पंतजलि उत्पादों के विषय में उन्होंने बताया कि पंतजलि शीघ्र ही बड़े स्तर पर मसाला बाजार में प्रवेश करेगा। इसके अलावा उन्नत किस्म का बाजरे का आटा लाने का प्रयास चल रहा है, जिसमें कड़वाहट नहीं होगी।