एनपी न्यूज़ डेस्क | Navpravah.com
रेलगाड़ियों के समय पर नहीं चलने से सम्बद्ध आला अधिकारियों की पदोन्नति प्रभावित हो सकती है। रेलमंत्री पीयूष गोयल ने रेलवे के जोनल प्रमुखों को आगाह किया है कि रेल सेवाओं में देरी का असर उनके प्रदर्शन मूल्यांकन में आंशिक देरी के रूप में हो सकता है।
पिछले सप्ताह एक विभागीय बैठक में गोयल ने इस मुद्दे को लेकर जोनल महाप्रबंधकों की खिंचाई करते हुए कहा कि रेल सेवाओं में देरी के लिए अधिकारी रखरखाव काम का बहाना नहीं बना सकते।
उन्होंने कहा, कि 30 जून तक अगर उन्हें कोई सुधार नजर नहीं आया तो सम्बद्ध महाप्रबंधक को पदोन्नति के लिए विचार नहीं किया जाएगा, उन्होंने कहा कि उनके (अधिकारियों) कार्य निष्पादन देरी सूची में उनके स्थान पर निर्भर करेगा।
वित्त वर्ष 2017-18 में भारतीय रेलवे नेटवर्क की 30 प्रतिशत गाड़ियां देरी से चल रही थीं। इस संख्या में इन गर्मियों के छुट्टियों में भी कोई सुधार होता नजर नहीं आ रहा है।
सूत्रों के अनुसार, उत्तरी रेलवे के महाप्रबंधक को गोयल की नाराजगी सबसे अधिक झेलनी पड़ी, इस जोन में गाड़ियों के समय पर चलने यानी सेवा अनुशासन का आंकड़ा 29 मई तक बहुत ही खराब 49.59 प्रतिशत है। जो पिछले साल की तुलना में 32.74 प्रतिशत अधिक खराब है।
नार्दर्न रेलवे के जनरल मैनेजर पर गोयल की नाराजगी सबसे ज्यादा रही, क्योंकि 29 मई तक उनके रीजन में ट्रेनों को समय पर चलने का प्रदर्शन 49.59 फीसदी रहा। जो कि पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में 32.74 फीसदी कम था।