सौम्या केसरवानी | navpravah.com
प्रधानमंत्री मोदी ने आज ‘मन की बात’ रेडियो कार्यक्रम के 65वें भाग में देशवासियों को संबोधित किया। उन्होंने संबोधन में कहा कि, पिछली बार जब मैंने आपसे मन की बात की थी, तब यात्री ट्रेनें बंद थीं, बसें बंद थीं, हवाई सेवा बंद थी, इस बार, बहुत कुछ खुल चुका है, श्रमिक स्पेशल ट्रेन चल रही हैं।
पीएम ने कहा कि, तमाम सावधानियों के साथ, हवाई जहाज उड़ने लगे हैं, धीरे-धीरे उद्योग भी चलना शुरू हुआ है, यानी अर्थव्यवस्था का एक बड़ा हिस्सा अब चल पड़ा है, खुल गया है, ऐसे में, हमें और ज्यादा सावधानी की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि देश में हमारी जनसंख्या ज़्यादातर देशों से कई गुना ज्यादा है, फिर भी हमारे देश में कोरोना उतनी तेजी से नहीं फैल पाया, जितना दुनिया के अन्य देशों में फैला है, देश में कोरोना के खिलाफ लड़ाई बहुत मजबूती से लड़ी जा रही है।
पीएम ने कहा, आपने देखा होगा कि दूसरों की सेवा में लगे व्यक्ति के जीवन में, कोई डिप्रेशन या तनाव कभी नहीं दिखता। उसमें जीवन को लेकर भरपूर आत्मविश्वास, सकारात्मकता और जीवंतता प्रतिपल नजर आती है।
पीएम ने कहा कि, एक सज्जन हैं तमिलनाडु के सी. मोहन. सी मोहन मदुरै में एक सैलून चलाते हैं, इन्होंने अपनी मेहनत की कमाई से बेटी की पढ़ाई के लिए पांच लाख रुपये बचाए थे, लेकिन इन दिनों उन्होंने अपनी सारी जमा-पूंजी देश की सेवा के लिए खर्च कर दी, हमें ऐसे योद्धाओं पर गर्व है।
उन्होंने कहा कि, गांवों, कस्बों में, हमारी बहनें-बेटियां, हर दिन मास्क बना रही हैं। तमाम सामाजिक संस्थाएं भी इस काम में इनका सहयोग कर रही हैं। साथियो, ऐसे कितने ही उदाहरण, हर दिन दिखाई और सुनाई पड़ रहे हैं। कितने ही लोग, खुद भी मुझे नमो एप और अन्य माध्यमों के जरिए अपने प्रयासों के बारे में बता रहे हैं।
पीएम ने कहा कि कोरोना की वैक्सीन पर, हमारी लैब्स में जो काम हो रहा है, उस पर तो दुनियाभर की नजर है और हम सबकी आशा भी, किसी भी परिस्थिति को बदलने के लिए, इच्छाशक्ति के साथ ही, बहुत कुछ इनोवेशन पर भी निर्भर करता है।
पीएम ने बताया कि, मेक इन इंडिया को बढ़ावा मिले, इसके लिए हर कोई अपनी अपनी जिम्मेदारी का निर्वाह कर रहा है, कोरोना संकट के दौरान देखने को मिल रहा है कि हरिद्वार से हॉलीवुड तक लोग घरों में योग कर रहे हैं।
पीएम मोदी ने आगे कहा कि, हमारे रेलवे के साथी दिन-रात लगे हुए हैं, केंद्र, राज्य, स्थानीय स्वराज की संस्थाएं- दिन-रात मेहनत कर रहें हैं, जिस प्रकार रेलवे के कर्मचारी आज जुटे हुए हैं, वे भी एक प्रकार से अग्रिम पंक्ति में खड़े कोरोना वॉरियर्स ही हैं।