सौम्या केसरवानी | Navpravah.com
आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संगम नगरी इलाहबाद में हैं। प्रधानमंत्री इलाहाबाद हाई कोर्ट के 150 वर्ष पूर्ण होने पर आयोजित कार्यक्रम के समापन समारोह में हिस्सा लेने इलाहाबाद पहुँचे। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ वहां पहले से उपस्थित थे। उन्होंने प्रधानमंत्री का स्वागत किया।
इस समारोह में भारत के प्रधान न्यायाधीश जे एस खेहर, कानून एवं न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद और हाई कोर्ट के कई न्यायाधीश एवं विभिन्न उच्च न्यायालयों के न्यायाधीश भी शामिल हुए। इलाहाबाद उच्च न्यायालय के 150 वर्ष पूरे होने पर कार्यक्रम की शुरुआत पिछले साल मार्च में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने की थी।
पिछले महीने उत्तर प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद मोदी की यह पहली इलाहाबाद यात्रा है, पिछले साल नगर में भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारणी की बैठक में हिस्सा लेने के लिए यहां की दो दिवसीय यात्रा के दौरान मोदी थोड़े समय के लिए उच्च न्यायालय गए थे और न्यायाधीशों एवं बार के सदस्यों से बातचीत की थी।
हवाईअड्डे पर प्रधानमंत्री का स्वागत करने के लिए राज्यपाल राम नाईक और मुख्यमंत्री योगी के अलावा उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और राज्य के कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह एवं नंद गोपाल गुप्ता भी मौजूद थे। आपको बता दें कि मौर्य फूलपुर से लोकसभा सदस्य हैं, सिंह और नंदी इलाहाबाद पश्चिम और इलाहाबाद दक्षिण विधानसभा सीट से विधायक हैं।
मुख्यमंत्री योगी ने इस समापन समारोह के अवसर पर कानून को शासकों का भी शासक बताया। समारोह को संबोधित करते हुए योगी ने कहा, “लोकतंत्र की स्वतंत्रता की नींव मजबूत न्यायपालिका पर निर्भर करती है। प्राचीन काल से न्याय तथा विधि एक दूसरे के पूरक हैं।” उन्होंने इलाहाबाद हाई कोर्ट के ऐतिहासिक फैसलों का जिक्र करते हुए कहा, “कानून का स्थान शासक से भी ऊपर होता है। कानून से समाज चलता है। जब-जब लोकतंत्र पर संकट आया इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अपने ऐतिहासिक फैसले से उसका सम्मान रखा।” उन्होंने न्याय की इस धारा के बने रहने की कामना की।
उल्लेखनीय है कि इलाहाबाद हाई कोर्ट एशिया का सबसे पुराना और बड़ा कोर्ट है। इसकी स्थापना 17 मार्च 1866 में हुई थी। इसकी एक अन्य बेंच लखनऊ में है। इलाहाबाद हाई कोर्ट देश का एकमात्र हाई कोर्ट है,जिसका अपना म्यूजियम और गैलरी भी है। इलाहाबाद हाई कोर्ट से लगभग 17 हजार वकील जुड़े हुए हैं। यहां जजों के करीब 160 पद हैं। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने ही इंदिरा गांधी का निर्वाचन रद्द किया था। जगदंबिका पाल को भी यूपी के सीएम पद से हटाने का फैसला इलाहाबाद हाई कोर्ट ने ही दिया था। अयोध्या जमीन विवाद पर इलाहाबाद हाई कोर्ट ने ही जमीन का बंटवारा किया था, जिसमें राम मंदिर, बाबरी मस्जिद और अखाड़े के नाम पर तीन जगह बंटवारा किया गया था।