ब्यूरो | navpravah.com
अब श्रमिक स्पेशल ट्रेनों को चलाने के लिए संबंधित राज्यों की मंजूरी की जरूरत नहीं है। रेलवे मन्त्री पीयूष गोयल ने इस बात की जानकारी ट्वीट करके दी। गृह मंत्रालय ने कुछ दिन पहले प्रवासी श्रमिकों को उनके गृह राज्यों में पहुंचाने के लिए इन ट्रेनों को चलावाने के लिए रेलवे के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग सिस्टम को जारी किया था।
आज रेलवे के प्रवक्ता राजेश बाजपेयी ने बताया कि नई एसओपी के बाद श्रमिक विशेष ट्रेनों को चलाने के लिए राज्यों की सहमति की आवश्यकता नहीं होगी, अब ट्रेन बिना राज्यों के सहमति से भी चलायी जायेगी।
रेल मंत्री पीयूष गोयल ने आज ट्वीट कर बताया कि ‘पश्चिम बंगाल, झारखंड और छत्तीसगढ़ इन ट्रेनों को मंजूरी देने के मामले में पीछे हैं। अब तक 20 लाख से अधिक प्रवासियों को उनके गृह राज्यों में पहुंचाया गया है।
कोच में यात्रियों को सोशल डिस्टेंसिंग के साथ बैठाया जा रहा है, रवानगी और संबंधित स्टेशन पर पहुंचने पर उनकी थर्मल स्क्रीनिंग की जाएगी। गृह जिले में 14 दिन क्वारैंटाइन करने के बाद ही उन्हें घर भेजा जाएगा। रास्ते में शुरुआती और आखिरी स्टेशन के बीच में ट्रेनें कहीं नहीं रुकेंगी।
Input: Saumya Kesarwani