२६/११ मुंबई आतंकी हमला: लहू से लिखी तारीख़ की नौवीं बरसी

ninth year of mumbai terrorist attack
राजेश सोनी | Navpravah.com
२६/११ का आतंकी हमला मुंबई पर आतंकी हमला था, जिसे चाहकर भी मुंबईकर अपने ज़हन से नहीं निकाल सकते। मुंबई के इतिहास में लहू से लिखी इस तारीख की कल नौवीं बरसी है।
 
कल २६/११ आतंकी हमले की ९वी बरसी है। नवप्रवाह की टीम ने सीएसटी जाकर रेल और बस यात्रियों से बात की कि अब वे अपने आप को सीएसटी स्टेशन के अंदर और बाहर के परिसर में कितना सुरक्षित मसहूस करते हैं। आइये जानते हैं रेल यात्रियों की राय उनकी ज़ुबानी।
 
रेल यात्री अब्दुल नूरानी जो सीएसटी स्टेशन से रोज उल्हासनगर के बीच ट्रेन में सफर करते है, उन्होंने बताया कि अब सुरक्षा व्यवस्था बहुत बढ़ा दी गई है और सुरक्षा बल बहुत सतर्क हैं, जिसके कारण हम अपने आप को पूरी तरह से सुरक्षित महसूस करते है। जुगल नामक एक और रेल यात्री से हमने सीएसटी पर तैनात सुरक्षा पर उनकी राय जाने की कोशिश की, उन्होंने कहा कि अब यहाँ बिल्कुल डर नहीं लगता। हम तो हमले के अगले दिन ही काम पर लौट गए थे। हमें हमारे देश की पुलिस और सेना पर पूरा भरोसा है। फूलचंद यादव रोजाना सीएसटी से कल्याण के बीच यात्रा करते हैं, ने कहा कि ऐसा हमला एक बार हो, गया भगवान ने चाहा तो ऐसा हमला मुंबई फिर कभी नहीं होगा।
गौरतलब है कि ये आतंकी हमला पाकिस्तान द्वरा प्रायोजित आतंकियों ने किया था। इस आतंकी हमले के लिए पाकिस्तान से 10 आतंकियों का एक गुट समुद्र के रास्ते से मुंबई में दाखिल हुआ था। इस आतंकी हमले में 163 निर्दोष लोगों ने अपने प्राण गवाएं थे। इस आतंकी हमले के दौरान एक मात्र आतंकी अजमल कसाब को जिंदा पकड़ा गया था। कसाब को जिंदा पकड़ने के बाद ही इस आतंकी साजिश का खुलासा हो पाया कि इस आतंकी साजिश में पाकिस्तान की भूमिका थी। कसाब ने जांच एजेंसियों को बताया कि उसने पाकिस्तान के मुज़्ज़फ़राबाद में चल रहे आतंकी प्रशिक्षण शिविर में आतंकी बनने का पूरा प्रशिक्षण हासिल किया था। कसाब आतंकी हाफिज सईद के आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा आतंकवादी था।
  
मुंबई में इन जगहों पर हुए थे आतंकी हमले-
 
आतंकियों ने मुंबई के कई प्रसिद्ध और व्यस्त स्थानों को अपने साजिश को अंजाम देने के लिए चुना था। आतंकी ज्यादा से ज्यादा माल और जान का नुकसान पहुंचा सकें, इसके लिए आतंकी दो-दो के जोड़ी में मुंबई शहर के अलग अलग स्थानों पर बंट गए थे। आतंकियों ने दहशत फैलाने के लिए निम्न प्रमुख जगहों को निशाना बनाया-  
छत्रपति शिवाजी टर्मिनस (सीएसटी)-
२६/११ के आतंकी हमले में आतंकियों ने अगर कहीं सबसे ज्यादा जान-माल का नुकसान पहुँचाया,  तो वो था छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस। मुंबई का यह एक व्यस्त रेलवे स्टेशनों में से एक है, यहाँ से रोजाना लाखों लोग ट्रेन के द्वारा यात्रा करते हैं पर २६/११ की रात कई यात्रियों के लिए आखिरी रात साबित हुई। उस रात आतंकी कसाब और इस्माईल ने यहाँ बेगुनाह लोगों पर अन्धाधुंद गोलियां बरसाईं और करीब साठ लोगों को छत्रपति शिवाजी टर्मिनस पर अपनी जान गवानी पड़ी।
CST
   
कामा अस्पताल-
छत्रपति शिवाजी टर्मिनस के बाद आतंकियों ने कामा अस्पताल को अपना निशाना बनाया। आतंकी कसाब और इस्माईल कामा अस्पताल में भी सीएसटी जैसा ही तांडव मचाने आए थे। पर कामा अस्पताल के डॉक्टर और नर्स की सूझबूझ के कारण आतंकी यहाँ बड़े पैमाने पर लोगों की जान नहीं ले पाएं और यहाँ सिर्फ कुछ ही लोगो इस आतंकी हमले में शिकार हुए थे। 
 
लियोपोल्ड कैफ़े-
मुंबई का लियोपोल्ड कैफ़े विदेशी पर्यटकों के बीच बहुत मशहूर है। ज़्यादातर कोई भी विदेशी जो मुंबई घूमने आते हैं, तो वे सब इस कैफ़े में जाते हैं। २६/११ की रात भी लोगों का रोजाना की तरह इस कैफे में जमावड़ा लगा हुआ था। विदेश तक इस आतंकी साजिश का पता चले, इसलिए आतंकियों ने लियोपोल्ड कैफ़े को अपने आतंकी साजिश के लिए चुना था। 
 
नरीमन हाउस-
आतंकियों ने इजरायली मूल के लोगों को निशाना बनाने के लिए नरीमन हाउस की बिल्डिंग को चुना था। आपको बता दें कि नरीमन हाउस के इस बिल्डिंग में ज्यादातर इजरायली मूल के नागरिक रहते हैं। 
 
ओबेरॉय होटल-
आतंकियों ने मुंबई के पाँच सितारा होटलों को भी निशाना बनाया था। आतंकियों ने इन होटलों में कई बेगुनाह लोगों को बंदी बना लिया था और बाद में उनकी जान ले ली। 
 
होटल ताजमहल-
आतंकियों ने सबसे ज्यादा किसी जगह को नुकसान पहुँचाया था, वो थी मुंबई का ताजमहल होटल। आतंकियों और भारतीय सुरक्षा बलों के बीच यहाँ करीबन 3 दिनों तक संघर्ष चला। आतंकियों ने मुंबई के इस प्रसिद्ध होटल को भी बंदी बना लिया था। बाद में इस होटल को आतंकियों से सुरक्षा बलों ने रिहा करा लिया और कई लोगों की जान बचा ली थी। 
होटल ताजमहल
  
गौररतलब है कि जिस जगह मुंबई आतंकी हमले के मुख्य आरोपी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के सरगना आतंकी हाफिज सईद को पाकिस्तान प्रांत की न्याय समीक्षा बोर्ड ने सबूतों के आभाव में आतंकी हाफिज को नजर बंद की सजा से रिहा कर दिया। ठीक मुंबई हमले की बरसी से 4 दिन पहले हाफिज को रिहा कर पाकिस्तान ने एक बार फिर मुंबई आतंक पीड़ित लोगों के घावों पर नमक छिड़कने का काम किया है। 
आपको बता दें कि मुंबई आतंकी हमले के मुख्य आरोपी हाफ़िज सईद के खिलाफ केस लड़ रहे वकील उज्वल निकम का कहना है कि पाकिस्तान को भारत ने हाफिज के खिलाफ पर्याप्त सबूत सौपें हैं, फिर भी पाकिस्तान ने उसे सजा देने की बजाय भारत के साथ धोखा किया।

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