इंद्रकुमार विश्वकर्मा,
रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने रविवार को कहा कि पाकिस्तान के कब्जे से सेना के जवान चंदू बाबूलाल चव्हाण को पाकिस्तान से वापस लाने के लिए डीजीएमओ के जरिये सैन्य स्तर पर एक सुगठित तंत्र को सक्रिय कर दिया गया है। चव्हाण गलती से सीमा पार कर गए थे, जिसके बाद पाकिस्तान सेना ने उन्हें पकड़ लिया। उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान के कब्जे में गया जवान सर्जिकल स्ट्राइक अभियान से जुड़ा हुआ नहीं था।
रक्षामंत्री ने रविवार को पुणे में आयोजित स्वच्छ भारत अभियान के बाद मीडिया से बातचीत की। पत्रकारों ने उनसे पूछा कि सेना के जवान चंदू बाबूलाल चव्हाण को वापस लाने के लिए सरकार क्या कदम उठा रही है? इस पर पर्रिकर ने कहा, “भारत-पाकिस्तान के डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशंस (डीजीएमओ) एक-दूसरे के संपर्क में हैं। डीजीएमओ स्तर पर एक मानक तंत्र है, जिसके तहत कार्रवाई की जा रही है।”
राफेल सौदे से जुड़े एक अन्य सवाल के जवाब में पर्रिकर ने कहा, “डील के अनुसार राफेल विमानों की डिलीवरी की समय सीमा 36 महीने है, लेकिन संभव है कि हमें डिलीवरी पहले ही मिल जाए। हमने उनसे जल्द डिलीवरी करने का अनुरोध किया है।”
गौरतलब है कि 37वीं राष्ट्रीय रायफल के जवान चंदू बाबूलाल चव्हाण गुरुवार (29 सितंबर) को गलती से लाइन ऑफ कंट्रोल पार कर पाकिस्तान चले गए थे, जो फिलहाल पाकिस्तान के कब्जे में हैं। डीजीएमओ ने हॉटलाइन पर पाकिस्तान को इसकी जानकारी दे दी है। सेना ने कहा,”दोनों ही तरफ सेना और आम नागरिकों का गलती से सीमा पार कर जाना असामान्य नहीं है, उन्हें मौजूदा तंत्रों के जरिए वापस ले आया जाता है।”
चव्हाण को छुड़ाने के लिए हरसंभव राजनयिक और कूटनीतिक कोशिशें हो रही हैं। इस बीच उनके पाकिस्तान के कब्जे में होने की खबर सुनते ही उनकी नानी लीलाबाई चिंदा पाटील की गुरुवार रात हार्ट अटैक से मौत हो गई। 23 वर्षीय चव्हाण महाराष्ट्र के धुले जिले के वोरबीर गांव के रहनेवाले हैं। उनके पिता का नाम बाशन चौहान है। उनके भाई भी मिलिट्री में ही हैं। उनकी तैनाती फिलहाल गुजरात में है।