विकास कुमार तिवारी । Navpravah.com
कलकत्ता हाइकोर्ट में रहे जज और सुप्रीम कोर्ट के अवमानना में दोषी पाए गए सीएस कर्णन को तमिलनाडु से गिरफ्तार कर लिया गया है। उन्हें सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद गिरफ्तार किया गया | कर्णन की गिरफ्तारी की पुष्टि उनके वकील पीटर रमेश ने की है। जस्टिस कर्णन को तमिलनाडु के कोयम्बटूर से गिरफ्तार किया गया है। कर्णन को भारत के मुख्य न्यायाधीश समेत शीर्ष न्यायालय के कई न्यायाधीशों के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाने के मामले में अवमानना का दोषी ठहराया गया है।
आपको बता दे, न्यायधीश कर्णन ने 20 पद पर काबिज सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के जजों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था| साथ ही इस संबंध में उन्होंने एक शिकायत भी सीबीआई से की थी। कर्णन ने सीबीआई को इस शिकायत की जांच करने का आदेश भी दिया था और जस्टिस कर्णन ने सीबीआई को निर्देश देते हुए इस जांच की रिपोर्ट संसद को सौंपने के लिए कहा था पर मामला तब बिगड़ा जब इन आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए CJI ने इसे अदालत की अमनानना बताया था। इसके बाद 7 जजों की एक खंडपीठ का गठन किया गया, जिसने जज कर्णन के खिलाफ कोर्ट के आदेश की अवमानना से जुड़ी कार्रवाई शुरू की।
23 जनवरी को जस्टिस कर्णन ने पीएम मोदी को भी खुला पत्र लिखा। इसमें सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के 20 जजों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था और 8 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने उनसे उनकी न्यायिक शक्तियां छीन ली थी|
बता दे कि, सुप्रीम कोर्ट ने 9 मई को जस्टिस कर्णन को 6 महीने की सजा सुनाई थी, इसके बाद जस्टिस कर्णन फरार चल रहे थे | गिरफ्तार करने के बाद तमिलनाडु पुलिस उन्हें चेन्नई लेकर गई है।बता दें कि चीफ जस्टिस जगदीश सिंह खेहर की अध्यक्षता वाली सात जजों की एक बेंच ने जस्टिस कर्णन को सुप्रीम कोर्ट की अवमानना का दोषी पाया था| जिस पर उन्हें सुप्रीम कोर्ट में कई बार हाज़िर होने के लिए भी कहा गया था, पर वह अभी तक प्रशासन को चकमा देकर फरार चल रहे थे|
इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने 10 मार्च को उनके खिलाफ गिरफ्तारी का वॉरंट जारी किया। 9 मई को सुप्रीम कोर्ट ने कर्णन को अवमानना का दोषी ठहराते हुए 6 महीने जेल की सजा सुनाई।
गौरवतलब है कि इस तरह पहली बार हुआ, जब किसी पद पर बैठे हाई कोर्ट के जज को सुप्रीम कोर्ट ने मानहानि के मामले में जेल की सजा दी हो । जस्टिस कर्णन इसी महीने 12 जून को अपने पद से रिटायर हुए हैं |