आनन्द रूप द्विवेदी | Navpravah.com
रेप केस में दोषी पाए जाने के बाद डेरा प्रमुख बाबा राम रहीम के भक्तों ने जमकर उत्पात मचाया. वाहनों में आग लगाई और जो बन सका वो तबाही की. किसी इंसान के इतने मदांध भक्तों को आखिर ये प्रेरणा मिली कहाँ से, ये जान पाना तो बेहद मुश्किल है लेकिन आइये जानते हैं कौन है वो शख्स जिसके भक्त इस कदर मतवाले हो चुके हैं.
गुरमीत सिंह का जन्म 15 अगस्त 1967 को मगहर सिंह और नसीब कौर के घर राजस्थान के गंगानगर में जाट सिख परिवार में हुआ. सात वर्ष की आयु में ही गुरमीत , डेरा सच्चा सौदा का अनुयाई बन गया जिसकी नींव संत मस्ताना जी ने 1948 में ही रख दी थी. खेलकूद में माहिर गुरमीत की पढ़ाई 10वीं. परिवार वालों ने स्कूल छोड़ने के बाद ही गुरमीत की शादी करवा दी. उसकी शादी से दो बेटियों और एक बेटे का जन्म हुआ.
शादी के बाद भी गुरमीत डेरा में काम करता रहा. जहाँ वह शाह सतनाम जी के बेहद करीब आ गया. शाह सतनाम तत्कालीन डेरा के गुरु थे जिन्होंने 1990 में गुरमीत को डेरा का अगला प्रमुख बना दिया. अब गुरमीत बाबा राम रहीम बन चुका था. बतौर डेरा प्रमुख बाबा राम रहीम ने समाज सेवा के कई महत्त्वपूर्ण काम किये जिनमें रक्तदान, वृक्षारोपण, सामूहिक शराब बंदी आदि काम शामिल हैं. अपने इन्हीं कामों के चलते बाबा राम रहीम लोगों के दिलों में जगह बना चुके थे. लोग बाबा राम रहीम को दीवानों की तरह चाहने लगे.
वर्ष 2002 में बाबा राम रहीम पर उनकी ही अनुयायी साध्वी द्वारा बलात्कार व कई अन्य महिलाओं पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया गया. तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी जी को पत्र लिखकर पूरी दास्तान सुनाई गई, जिसपर संज्ञान लेते हुए प्रधानमंत्री ने चीफ़ जस्टिस को केस सौंप दिया.
2007 में में सिख समुदाय द्वारा ये आरोप लगाया गया कि बाबा राम रहीम ने सिखों के गुरु श्री गुरु गोबिंद सिंह जी जैसी वेशभूषा बनाकर सिखों की आस्था को चोट पहुंचाने का काम किया है. इसके बारे में डेरा द्वारा माफ़ी भी मांगी गई. सिखों की धार्मिक भावनाओं को आहत करने का मुकदमा कायम किया गया लेकिन सिरसा कोर्ट द्वारा 2009 में व भटिंडा न्यायालय द्वारा 2014 में ये मुक़दमे खारिज कर दिए गये थे.
बाबा राम रहीम को ग्लैमर का शौक चढ़ा तो उन्होंने ‘लव चार्जर’ नाम से एक गाना शूट बनाया जो बेहद प्रसिद्द हुआ. भक्तों ने बाबा के इस रूप को स्वीकार करते हुए भी बहुत प्यार से पसंद किया. 2015 में बाबा फिल्म स्टार बनने निकल पड़े. उन्होंने ‘मैसेंजर ऑफ़ गॉड’ (MSG) सीरीज कई फ़िल्में बनाई जिनमें खुद हीरो बने. किसी सुपर हीरो की तरह बाबा राम रहीम ने फिल्मों में धाँसू एक्शन स्टंट्स किये.
पुराने पाप पीछा नहीं छोड़ते. ऐसा माना जाता है लेकिन बाबा के केस में ये मान्यता तब सच साबित हो गई जब पंचकुला कोर्ट ने बाबा को 2002 में साध्वी के साथ बलात्कार और क्रिमिनल इंटीमिडेशन जैसे चार्जेस में दोषी पाया. इसके बाद बाबा के अंधभक्तों ने पूरे क्षेत्र में जमकर उत्पात मचाया.