महात्मा गांधी द्वारा द्वितीय विश्व युद्ध के शुरुआती दिनों में लिखे गये एक 80 वर्ष पुराने पत्र को इजराइल के राष्ट्रीय पुस्तकालय ने पहली बार प्रदर्शित किया है। इस पत्र में महात्मा गांधी ने यहूदी लोगों के लिए शांति के युग की कामना की। महात्मा गांधी ने बॉम्बे जियोनिस्ट एसोसिएशन (BJEA) के प्रमुख एई शोहेत को पत्र लिखा था।
शोहेत यहूदी लोगों के लिए एक राष्ट्र की स्थापना के अपने आंदोलन के लिए भारतीय नेताओं से समर्थन मांगने का प्रयास कर रहे थे। रोश हशाना (यहूदी नववर्ष) के मौके पर लिखा यह पत्र एक सितंबर, 1939 को लिखा गया था और इसी दिन द्वितीय विश्वयुद्ध आरंभ हुआ था जब जर्मनी ने पोलैंड पर हमला किया था।
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नेशनल लाइब्रेरी ऑफ इजराइल (NLI) में संचार प्रभारी जैक रोथबार्ट ने कहा कि यह समय उस दौर को दर्शाता है जब वैश्विक नागरिकता के लिए यहूदियों का नाजी उत्पीड़न किस हद तक चिंताजनक था। दरअसल यह आने वाले दहशत के माहौल का सूचक था। लीयर फाउंडेशन के सहयोग से एनएलआई ने 20वीं सदी की सर्वाधिक प्रमुख कई सांस्कृतिक हस्तियों के निजी पत्र, तस्वीरों और दस्तावेजों समेत अपने अभिलेख संग्रहों में लाखों वस्तुओं की समीक्षा तथा उनकी व्याख्या की एक प्रमुख पहल के तहत गांधी के पत्र को प्रदर्शित किया है।
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NLI ने पहली बार इस पत्र को ऑनलाइन प्रदर्शित किया है। पत्र में लिखा है कि प्रिय शोहेत, आपके नववर्ष के लिए मेरी शुभकानाएं। मैं कामना करता हूं कि यह नववर्ष आपके समुदाय के उन पीड़ित लोगों के लिए शांति का युग बनकर आए, आपका शुभेच्छु एम के गांधी।