शिखा पांडेय,
भारतीय वायुसेना ने इतिहास रचते हुए आज पहली बार बतौर फाइटर पायलट तीन महिला पायलट्स को शामिल किया गया। फ्लाइंग कैडेट भावना कंठ, मोहना सिंह और अवनी चतुर्वेदी को हैदराबाद के पास वायुसेना एकेडमी में कमीशन मिला। इन तीनों की फाइटर पायलट की ट्रेनिंग का एलान अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर किया गया था।
इन तीनों कैडेटों का चयन 120 महिला कैडेटों में से किया गया था। हैदराबाद से तकरीबन तीन किलोमीटर दूर डुंडिगल एयरफोर्स अकादमी में इन तीन प्रशिक्षु महिला पायलटों को लड़ाकू विमान उड़ाने के लिए समारोहपूर्वक वायुसेना में शामिल किया गया। इंजीनियरिंग में ग्रेजुएट ये तीनों युवा महिलाएं अपनी शुरुआती ट्रेनिंग पूरी कर चुकी हैं। अब इनकी एक साल की एडवांस ट्रेनिंग कर्नाटक के बीदर में होगी।
उक्त तीनों महिला लड़ाकू पायलटों की पहले चरण की ट्रेनिंग 18 जून अर्थात आज खत्म हो रही है। उन्हें आज वायुसेना अकादमी में समारोहपूर्वक दूसरे चरण में भेजा जाएगा, जहां वे ट्रेनर हांक और लड़ाकू विमानों पर एक साल तक कड़ी ट्रेनिंग प्राप्त करेंगी। इस अवसर पर उन्हें वायुसेना में शामिल (कमीशन) कर लिया गया।
वायुसेना ने फायटर महिला फाइटरों को चार साल तक गर्भधारण न करने का निर्देश जारी किया गया है। दुनिया के अन्य देशों जैसे अमेरिका, रूस इत्यादि में महिला लड़ाकू विमान पायलटों की नियुक्ति पहले से ही की जा चुकी है। यहां तक की पाकिस्तान ने भी पिछले दिनों एक माहिला लड़ाकू विमान पायलट की नियुक्ति की।
उल्लेखनीय है कि पिछले साल अक्टूबर माह में भारत सरकार ने भारतीय वायुसेना में महिला लड़ाकू पायलटों को भी शामिल करने की मंजूरी प्रदान की थी। हालांकि वर्ष 1991 से ही यहां की वायुसेना में महिलाएं हेलीकाप्टर तथा ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट उड़ाती आ रही हैं। लेकिन लड़ाकू विमानों से इनको दूर ही रखा जाता था। इन तीन महिला पायलटों ने 150 घंटे की ट्रेनिंग पूरी की है।महिला लड़ाकू पायलटों के चयन के पहले चरण में 120 कैडेट्स में से सिर्फ 37 का चयन किया गया था, जिसमें से अंतिम दौर में उक्त तीन कैडेट्स चुनी गईं।