प्रमुख संवाददाता,
उत्तराखंड में प्रकृति का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा। कई इलाकों में बादल फटने और पिछले 24 घंटे से हो रही लगातार भारी बारिश के कारण स्थिति और गंभीर होती जा रही है। नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। नदी के किनारे बसे घरों में रहने वालों को अलर्ट जारी कर मकान खाली करने का आदेश दे दिया गया है। कई रास्ते भूस्खलन के कारण बंद हो चुके हैं।
मुख्यमंत्री हरीश रावत ने उत्तराखंड में बाढ़ के हालत पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा,” स्थिति हमारे नियंत्रण में है। मैं बचाव अभियान का खुद जायजा ले रहा हूं। कंट्रोल रूम में बैठकर सारे कार्यों पर नजर रख रहा हूं। एनडीआरएफ और पुलिस टीम कई जगहों पर बचाव कार्य कर रही है।”
उत्तराखंड में हुई इस घटना के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुख जताते हुए कहा,” इस आपदा में मारे गए लोगों के परिवार के लिए गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं। साथ ही, जख्मी हुए लोगों के जल्द ही स्वस्थ होने की कामना करता हूं।”
एनडीआरएफ की टीम उत्तराखंड के कई जिलों में तैनात में है और मुश्किल में फंसे लोगों को राहत पहुंचाने की कोशिश कर रही है। कल बादल फटने के कारण 32 लोगों की मौत हो गयी थी। कई लोग फंसे थे, जिन्हें सुरक्षित निकाला गया तथा घायलों को इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाया गया।
अभी इन इलाकों में बारिश थमने की संभावना नहीं है। अगले 48 घंटे भारी बारिश होने का अनुमान है। राज्य के 8 जिलो में पहले ही अलर्ट जारी किया गया है। इन इलाकों में बारिश के बाद भारी नुकसान हुआ है। इन इलाकों में फंसे लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने की कोशिश की जा रही है।
12 में से 10 नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। कई जगहों पर लोग फंसे हैं। गंगोत्री हाइवे भी बंद हो गया है। राज्य में कई घरों को नुकसान पहुंचा है। भारी बारिश में कई घर टूटकर बह गए हैं। धारचुला इलाके में तीन और जौल जीबी में 2 पुलों के बह गए हैं।