एनपी न्यूज़ नेट्वर्क । Navpravah.com
भारतीय जनता पार्टी के तमाम बड़े आर्थिक फैसलों की आलोचना कर रही विपक्षी पार्टियों को वित्त मंत्री अरुण जेटली ने करारा जवाब दिया है।अमेरिका दौरे पर गये वित्त मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा लिए गए तमाम फैसले गलत हैं या सही, इसका फैसला गुजरात चुनावों के बाद खुद बखुद जो जायेगा।
जेटली ने कहा कि अमेरिकी निवेशकों में भारत में निवेश के प्रति काफी दिलचस्पी है। अपने छह दिवसीय दौरे की समाप्ति के बाद उन्होंने मीडिया के सवालों के जवाब में नोटबंदी व जीएसटी का जिक्र करते हुए कहा कि नोटबंदी के बाद हमने उत्तरप्रदेश चुनाव में जीत दर्ज की। जीएसटी सही है या गलत, यह गुजरात चुनाव के नतीजे बताएँगे।
दरअसल गुजरात विधानसभा चुनाव में कांग्रेस जीएसटी से कारोबारियों को होने वाली परेशानी का मुद्दा जोर – शोर से उठा रही है। इन्हीं पैंतरों का जवाब देते हुए वित्तमंत्री ने ये बातें वॉशिंगटन डीसी में कहीं। जेटली ने कहा कि आईबीसी, दिवाला कानून, जीएसटी, नोटबंदी जैसे फैसलों के लिए साहस की जरूरत होती है और विश्व ने भारत के इन सख्त कदमों की तारीफ की है। जेटली ने कहा कि भारत ने सही समय पर संरचनात्मक सुधार किए हैं और इससे आने वाले समय में देश को फायदा होगा। उन्होंने कहा कि नोटबंदी और जीएसटी सहित कुछ अहम सुधार देश की अर्थव्यवस्था के दीर्घकालिक फायदों के मद्देनजर किये गये और इसके फलस्वरुप भारत की विकास दर ऊंचाई की ओर जा रही है।
जेटली ने एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान भारतीय पत्रकारों के एक समूह को संबोधित करते हुए कहा, “ऐसे समय में जब विश्व की विकास दर ढाई फीसदी के आसपास है, भारत सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख वैश्विक अर्थव्यवस्था है। यह सुधारों के लिए सही समय है। आपको चीजों को पटरी पर लाने के लिए मंदी का इंतजार नहीं करना पड़ा।”
उन्होंने कहा, “सरकार के भीतर मौजूद लोगों और अमेरिकी कंपनियों ने भारत में अब निवेश करने में बहुत दिलचस्पी दिखायी है। उन्होंने कहा, “कुछ भारतीय हैं जो अमेरिका में निवेश कर रहे हैं, अमेरिकी कंपनियां भारत में निवेश कर रही हैं। नवंबर में बडी संख्या में अमेरिकी कॉरपोरेट कंपनियां भारत में निवेश के लिए आ रही हैं।” जेटली ने कहा कि प्रत्यक्ष विदेशी निवेश पर भारत और अमेरिका के बीच संबंध बहुत परिपक्व हैं। उन्होंने कहा कि भारत सबसे ज्यादा प्रत्यक्ष विदेश निवेश पाने वाले देशों में शामिल है क्योंकि निवेश के संबंध में इसकी नीतियां बहुत सरल हैं।
उल्लेखनीय है कि अपनी यात्रा के दौरान जेटली ने अमेरिका के वित्त मंत्री और वाणिज्य मंत्री के साथ बैठकें कीं। इसके अतिरिक्त उन्होंने कोलंबिया और हार्वर्ड विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों को संबोधित किया, न्यूयॉर्क, बॉस्टन और वाशिंगटन डीसी में निवेशकों तथा अमेरिकी कॉरपोरेट क्षेत्र के दिग्गजों के साथ बातचीत की।