लखनऊ. देश की राजधानी दिल्ली में SMOG का कहर जारी है। इसके साथ एनसीआर समेत पश्चिमी यूपी में भी इसका असर देखने को मिल रहा है। स्मॉग के कारण बागपत, मेरठ व शामली में पांच नवंबर तक स्कूलों में अवकाश घोषित कर दिया गया है। प्रदेश में इन दिनों आसमान में काले बादल लेकर असमंजस पैदा कर रहे हैं कि वह बादल ही हैं या फिर धुंध के कारण धुंआ का कहर है।
जलवायु विशेषज्ञ और पर्यावरणविदों ने साफ किया कि आतिशबाजी के प्रदूषण से समूचा यूपी स्मॉग की चपेट में है। इस दौरान मेरठ, आगरा, कानपुर, लखनऊ, प्रयागराज व वाराणसी का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) बेकाबू होकर अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया। राजधानी लखनऊ भी धुंध के गिरफ्त में है।
शनिवार को लखनऊ का एक्यूआइ 422 था जो रविवार को घटकर 400 रह गया। हालांकि, यह भी खतरनाक श्रेणी में आता है। राजधानी में दिनभर सूर्य बादलों में दुबका रहा। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार तीन-चार दिन यही हाल रहने के आसार हैं। अब तेज हवा चलने के बाद ही हालात कुछ नियंत्रण में होने के आसार हैं।
मौसम विभाग के निदेशक जेपी गुप्ता के मुताबिक सोमवार से हवा की गति कुछ बढ़ेगी। इससे धुंध छटने की संभावना बनेगी। गोरखपुर में जलवायु विशेषज्ञ कैलाश पांडेय मुताबिक आसमान में दिखने वाले बादल दरअसल स्मॉग है। स्मॉग की वजह से ही पूर्वांचल का तापमान एक फिर से चढ़ गया है। 25 डिग्री सेल्सियस तक नीचे आ चुका अधिकतम तापमान एक बार फिर 30 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच गया है।
विशेषज्ञ ने बताया कि औद्योगिक गतिविधियों और वाहनों की संख्या के बढऩे से पूर्वांचल का पर्यावरण संतुलन पहले से ही बिगड़ रहा है, दिवाली में हुई आतिशबाजी ने इसे और बिगाड़ दिया है। बीते एक पखवारे से चल रही पुरवा हवाओं के साथ आ रही नमी के बीच उलझकर धूल और कार्बन के कण वायुमंडल के निचले स्तर पर स्थिर हो गए हैं। यही स्मॉग है, जो काले बादल की तरह दिख रहा है।