लखनऊ. बिजली विभाग में हुए भविष्य निधि घोटाले पर विपक्ष योगी सरकार पर हमलावर है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के बाद अब सपा मुखिया अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर हमला बोला है।
सपा मुखिया अखिलेश यादव ने ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा कि द्वेष की राजनीति के चलते आरोप लगाए जा रहे हैं। भ्रष्टाचार में डूबे सत्ताधारी लोग नए-नए बहानों से जनता का ध्यान भटकाने की साजिश करते रहते हैं। सपा प्रमुख ने कहा कि दीवान हाउसिंग फाइनेंस कंपनी (DHFCL) से 20 करोड़ रुपये चंदा लेने वाले भाजपा के ऊर्जा मंत्री बताएं ये रिश्ता क्या कहलाता है?
रविवार को जारी किए बयान में अखिलेश ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार अपने बेदाग होने का ढिंढोरा खूब पीटती है, लेकिन धीरे-धीरे उसके घोटालों की परतें खुल रही हैं। भाजपा सरकार को यह बताना होगा कि बिजली कर्मियों के हक का पैसा उस कंपनी में लगाने की मेहरबानी के पीछे क्या रहस्य है जो डिफाल्टर कंपनी रही है?
अखिलेश यादव ने सवाल किया कि इतने बड़े घोटाले को ढाई साल तक पर्दे में क्यों रहने दिया गया? मामला मीडिया में न आता तो भाजपा सरकार इसे दबाए रहती। अभी भी लगता नहीं कि वह अपने घोटाले की जांच होने देगी? जब मामला सीबीआइ को दिए जाने की बात है तो फिर आर्थिक अपराध अनुसंधान शाखा को जांच क्यों दी जा रही है?
सपा प्रमुख ने पूछा कि बिजली कर्मियों के 2600 करोड़ रुपये जो फंसे हैं, उसकी वसूली के लिए सरकार क्या ठोस कदम उठा रही है? यह नहीं बताया जा रहा है। सिर्फ आश्वासन के सहारे बहकाने का काम हो रहा है। वैसे भी भाजपा की यह फितरत है कि वह जब-जब सत्ता में रही बिजली विभाग में लूट मची। प्रदेश के टांडा और ऊंचाहार बिजली घर भाजपा शासन में ही बिके। अब बिजली कर्मियों का पैसा भी डुबा दिया।