शिखा पाण्डेय,
समाजवादी पार्टी प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने उन्नाव के बांगरमऊ में राज्य सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन किया। सोमवार को देश के सबसे लंबे एक्सप्रेस-वे लोकार्पण कार्यक्रम के अवसर पर उन्होंने तय सीमा से कम समय में काम पूरा होने पर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को बधाई दी। उद्घाटन में फाइटर जेट विमान भी शामिल हुए। रिपोर्ट्स के मुताबिक इस हाई-वे के निर्माण की लागत 15000 करोड़ बताई जा रही है।
इस अवसर पर मुलायम ने कहा, “उत्तर प्रदेश के अधिकारियों में बहुत क्षमता है। इन लोगों ने मेरे द्वारा दी गई समय सीमा में एक्सप्रेस वे बनाया। चार वर्ष में बनने के बजाए एक्सप्रेस वे दो वर्ष में बना है।” उन्होंने कहा कि मैंने पहले ही कहा था कि मैं किसी भी काम का शिलान्यास नहीं उद्घाटन करता हूं। उन्होंने कहा कि इस अवसर पर मैं अखिलेश जी को बधाई देता हूं। मुलायम सिंह यादव ने कहा कि अब कोई भी रास्ता तय करने में समय कम लगेगा।
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा,” इस एक्सप्रेस वे के कारण प्रदेश में रफ्तार के साथ अर्थव्यवस्था बढ़ेगी। अखिलेश ने कहा कि यह सड़क दिल्ली-लखनऊ जोड़ने का काम करेगी। इसकी मदद से मंडियो से किसानों को सीधा लाभ मिलेगा। प्रदेश को एक कोने से दूसरे कोने तक यह सड़क जोड़ेगी। इतनी लंबी सड़क किसी अन्य प्रदेश के पास नहीं। इसको बनाने का काम घोषणा पत्र में था। ” उन्होंने कहा समाजवादियों का काम देश के लिए उदाहरण है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में अब निर्माण का काम रुकेगा नहीं। उन्होंने कहा कि अब हम लखनऊ-बलिया एक्सप्रेस वे को भी बनाएंगे। उन्होंने कहा कि हमको अगर किसानों का सहयोग मिला तो और सड़क बनेंगी। उन्होंने कहा कि सड़कें बनने से विकास तेज होता है, लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस वे से जनता को सुविधा होगी। उन्होंने उद्घाटन के लिए नेताजी को धन्यवाद दिया।
सीएम अखिलेश यादव ने केंद्र की बीजेपी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि बीजेपी के लोगों के पास काम तो है नहीं, इसलिए इन लोगों से सावधान रहने की जरुरत है। अखिलेश ने कहा कि विपक्षियों ने उत्तर प्रदेश में कोई काम नहीं किया। विपक्षी चुनाव के समय नए-नए मुद्दे लाएंगे। विकास के मामले में किसी से हमारा कोई मुकाबला नहीं। हमने विकास के संतुलन बनाए रखा। मेट्रो के पहले चरण का काम पूरा हो गया है। एक दिसंबर को लखनऊ-मेट्रो का उद्घाटन करेंगे।
क्या है एक्सप्रेस वे की खासियत-
आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे के माध्यम से लखनऊ से आगरा की दूरी लगभग साढ़े तीन घंटे में और आगे दिल्ली तक की दूरी मात्र पांच से छह घंटे में तय की जा सकेगी। एक्सप्रेस-वे से यात्रा करने से समय में बचत के साथ-साथ वाहनों के इंधन की खपत में भी कमी आएगी।
एक्सप्रेस-वे परियोजना की खास बात ये है कि 10 जिलों के 232 गांवों में लगभग 3500 हेक्टेयर भूमि 30 हजार 456 किसानों से आपसी सहमति से बिना किसी विवाद के क्रय की गई है। इस जमीन के लिए किए गए भुगतान को छोड़कर परियोजना की लागत 11526.73 करोड़ रुपए है।
राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि ने एक्सप्रेस-वे के मुख्य कैरिजवे का निर्माण 23 माह के रिकॉर्ड समय में किया गया है। इसका काम जनवरी 2015 में शुरू हुआ था। एक्सप्रेस-वे आगरा से शुरू होकर फिरोजाबाद, मैनपुरी, इटावा, औरैया, कन्नौज, हरदोई, कानपुर नगर और उन्नाव होते हुए लखनऊ तक पहुंचेगा।
प्रवक्ता ने बताया कि भारतीय वायु सेना के लड़ाकू विमानों के आपातकाल में ऑपरेशन के लिए एक्सप्रेस-वे पर देश के पहले एयर स्ट्रिप का भी निर्माण किया गया है। एक्सप्रेस-वे के किनारे जनपद मैनपुरी और कन्नौज में अति विशिष्ट मंडियों की स्थापना की जा रही है। सोमवार को उद्घाटन समारोह में वायुसेना के 4 सुखोई और 4 मिराज विमान शामिल हुए और टच ग्राउंड का करतब भी दिखाया।
स्मार्ट सिटी, लॉजिस्टिक पार्क और फिल्म सिटी की भी स्थापना एक्सप्रेस-वे किनारे प्रस्तावित है। एक्सप्रेस-वे के बन जाने से तमाम उद्योगों जैसे-कृषि, हैंडीक्राफ्ट, पर्यटन और दुग्ध उद्योग का विकास होगा, जिससे बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार मिलेगा। एक्सप्रेस-वे के दोनों ओर ग्रीन बेल्ट को विकसित करने के लिए लगभग 3 लाख पौधे रोपित किए जा रहे हैं।