भारत में प्रतिभा की कमी नही है और इसी क्रम में हम एक ऐसे व्यक्ति के बारे में बताने जा रहे हैं। जिन्होंने ईको-फ्रेंडली स्टोव के आविष्कार से सभी को चौंका दिया है। 12वीं कक्षा तक की पढ़ाई कर चुके जयप्रकाश को आर्थिक स्थिति की वजह से पढ़ाई बीच में छोड़नी पड़ी थी, लेकिन वह हमेशा से जीवन में कुछ अलग करना चाहते थे और फिर उसने ईको-फ्रेंडली स्टोव का आविष्कार किया है।
जयप्रकाश केरल के रहने वाले हैं। एक वेबसाइट के अनुसार, उन्होंने बताया कि जब वह छोटे थे तब उनकी मां स्टोव बेचती थीं। इस काम में जयप्रकाश मां का हाथ बंटाया करते थे, लेकिन वह जानते हैं थे चुल्हे से निकलने वाला धुंआ सबसे ज्यादा खतरनाक होता है। जिसके बाद उन्होंने चुल्हे में एक छोटा सा पाइप स्टोव के पीछे लगाने के बारे में सोचा जो एक चिमनी की तरह काम करें, फिर उन्होंने अपने इस आइडिया पर और ज्यादा काम करना शुरू कर दिया।
जयप्रकाश की किस्मत ने तब नया मोड़ लिया। जब उन्हें एजेंसी फॉर नॉन-कन्वेन्शनल एनर्जी ऐंड रूरल टेक्नॉलजी के साथ जुड़ने का मौका मिला, जिसमें जयप्रकाश को काफी कुछ सीखने को मिला। जयप्रकाश को एक अस्पताल ने 20 हजार रुपए दिए गए, जिसमें अस्पताल की गंदगी को जलाने के लिए एक स्टोव तैयार किया, वह अभी तक 8 हजार स्टोव बेच चुके हैं और उनका बनाया हुआ स्टोव लगातार लोगों के बीच लोकप्रिय हो रहा है। जयप्रकाश ने बताया कि उनका ईको-फ्रेंडली स्टोव बच्चों और महिलाओं के लिए भी पूरी तरह से सुरक्षित हैं। इसे इस्तेमाल करने से उन्हें किसी भी प्रकार की दिक्कत नहीं होगी और वे कुछ अलग करके बहुत खुश हैं।