भगोड़ा आर्थिक अपराध बिल 2018′ संसद में हुआ पेश

एनपी न्यूज़ डेस्क | Navpravah.com
बैंकों का हजारों करोड़ का घोटाला करके फरार चल रहे नीरव मोदी, मेहुल चोकसी और विजय माल्या जैसे भगोड़ों से निपटने के लिए सरकार ने तैयारी कर ली है।
वित्त राज्यमंत्री शिव प्रताव शुक्ल ने आज Fugitive Economic Offender Bill 2017 यानी ‘भगोड़ा आर्थिक अपराध बिल 2018’ लोकसभा में पेश किया है। अब इसे कानून बनाने की तैयारी है।
इस बिल को कैबिनेट से पहले ही मंजूरी मिल चुकी है। सूत्रों के अनुसार, जिन लोगों पर 100 करोड़ से ज्यादा का कर्ज है और वह देश से बाहर हैं तो ऐसे लोगों की संपत्ति कुर्क की जाएगी।
बिल के कानून बनने पर देश से लोन लेकर या आर्थिक हेरफेर के जरिए पैसा लेकर भागने वाले भगोड़ों से वसूली करने में मदद मिलेगी, इसमें सबसे पहले कोर्ट से उस व्यक्ति को भगोड़ा घोषित किया जाएगा, इसके बाद उसकी देशी-विदेशी संपत्ति को कुर्क की जाएगी।
कैबिनेट की बैठक में चार्टर्ड अकाउंटेंट को रेग्यूलेट करने के प्रस्ताव पर भी चर्चा हो सकती है। बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक के एजेंडे में चार्टर्ड अकाउंटेंट ऑफ इंडिया के कामकाज पर निगरानी रखने के लिए एक नई संस्था नेशनल फाइनेंशियल रिपोर्टिंग अथॉरिटी का गठन भी शामिल था।
पीएनबी घोटाला सामने आने के बाद सरकार ने धोखाधड़ी और जानबूझकर कर्ज न चुकाने वालों का पता लगाने के लिए बैंकों को निर्देश जारी किए हैं। सरकार ने बैंकों से 50 करोड़ रुपए से अधिक के सभी एनपीए खातों की जांच करने को कहा है।
सरकार की नजर बड़े डिफॉल्टर्स के साथ-साथ छोटे खिलाड़ियों पर भी है, घोटालों में ऐसे ही कुछ और डिफॉल्टर्स के होने का भी अंदेशा है, हाल ही में दिल्ली के करोल बाग के दास सेठ इंटरनेशनल का नाम भी सामने आया है, इसके प्रमोटर्स भी लोन चुकाए बिना देश से बाहर हैं।

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