शिखा पाण्डेय,
जापान ने स्पेस में फैला कचरा साफ करने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम उठाया है। इस कचरे को बटोरने के लिए अगले महीने एक कार्गो जहाज भेजा जाएगा। नासा के मुताबिक पृथ्वी की कक्षा में 10 करोड़ से ज्यादा स्पेस जंक के टुकड़े फैले हुए हैं। इनमें पुराने सैटलाइट्स के खराब उपकरण, टूल्स और राॅकेट के बिट्स शामिल हैं। इसे अंतरिक्ष से तुरंत हटाने की जरूरत है। अगर ऐसा नहीं किया गया तो इनसे टकराने वाली कोई भी चीज नष्ट हो सकती है।
इस मिशन के लिए एक 700 मीटर लंबा जाल बनाया गया है। इसे जापान में मछली पकड़ने का जाल बनाने वाली 106 साल पुरानी कंपनी ‘नितो सिमो’ ने बनाया है। दरअसल, नितो सिमो पिछले 10 साल से जापानी स्पेस जाक्सा एजेंसी के साथ मिलकर इस जाल को बनाने में जुटी थी, ताकि स्पेस में फैले कचरे को समेटा जा सके।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, अॉटोमेटेड कार्गो जहाज का नाम स्ट्रोक है। जापानी भाषा में इसे कोउनोटोरी कहते हैं। यह अंतरिक्ष में फैले कचरे को पहले जाल में जमा करेगा। फिर उसे नॉर्थ पैसेफिक ओशियन के ऊपर स्थित तानेगाशिमा स्पेस सेंटर पर जला देगा। शोधकर्ताओं का कहना है कि जाल में लगी लुब्रीकेटेड और इलेक्ट्रो डाॅयनमिक रस्सियों से इतनी ऊर्जा उत्पन होगी कि कचरा अपने आप खिंचा चला आयेगा। जहाज से इस कचरे को जैसे ही वातावरण में धक्का दिया जाएगा, वो खुद जल जायेगा।
यह प्रयोग अंतरराष्ट्रीय सफाई मिशन का एक अहम हिस्सा है, जिसका मकसद अंतरिक्ष यात्रियों की सुरक्षा और करीब 6.74 लाख करोड़ रुपये के अंतरिक्ष स्टेशनों का बचाव करना है। इस प्रोजेक्ट के हेड कोइचि इनोउ ने बताया कि स्पेस एजेंसी अगले महीने इसका ट्रायल करेगी। अंतरिक्ष में सैटलाइट और रॉकेट का फैला कचरा करीब 28,165 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से घूम रहा है। इस कचरे का छोटा सा हिस्सा भी किसी भी कम्युनिकेशन नेटवर्क को नुकसान पहुंचा सकता है। हालांकि किसी अंतरिक्षयात्री को इससे नुकसान नहीं पहुंचा है, लेकिन कुछ सैटलाइट्स को नुकसान हुआ है।
उल्लेखनीय है कि नासा ने इस सन्दर्भ में जो रिपोर्ट तैयार की थी, उस रिपोर्ट के मुताबिक स्पेस में करीब 5 लाख टुकड़े ऐसे तैर रहे हैं, जिनकी लंबाई एक से 10 सेंटीमीटर के बीच है। स्पेस जंक के करीब 21000 टुकड़े 10 सेंटीमीटर से बड़े हैं। इसके अलावा दस करोड़ टुकड़े एक सेंटीमीटर से छोटे हैं। ज्यादातर टुकड़े 2000 किमी की रफ्तार से पृथ्वी की कक्षा में घूम रहे हैं। केवल 7 फीसदी स्पेस जंक सही हैं। अमेरिका ने स्पेस जंक को ट्रैक करने के लिए करीब 1 बिलियन डॉलर नई ट्रैकिंग डिवाइस बनाने पर खर्च किया है।