शिखा पाण्डेय | Navpravah.com
नोट बंदी के बाद से डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने की दिशा में सरकार की कोशिशों में समय-समय पर तमाम रुकावटें आ रही हैं और उनका उचित समाधान भी खोजा जा रहा है। इन्हीं समस्याओं के तहत पेट्रोल पंप मालिकों और बैंकों के बीच कार्ड पेमेंट को लेकर विवाद शुरू हुआ था, जो फिलहाल सुलझा लिया गया है। 13 जनवरी तक अब पेट्रोल पंप पर डेबिट और क्रेडिट कार्ड से पेमेंट करने में लोगों को कोई परेशानी नहीं होगी।
प्राप्त जानकारी के अनुसार पेट्रोल पंप के मालिकों ने बीती रात क्रेडिट और डेबिट कार्ड से ईंधनों की बिक्री के लिए भुगतान को स्वीकार नहीं करने के अपने फैसले को 13 जनवरी तक टाल दिया है, जिससे ग्राहकों को थोड़ी राहत मिली है। यह कदम उन्होंने बैंकों के ट्रांजैक्शन (एमडीआर) शुल्क लगाने के कदम को टालने के बाद उठाया
गौरतलब है कि कैशलेस लेन-देन को बढावा देने के लिए सरकार ने नोटबंदी के बाद ईंधन की खरीद पर मर्चेंट डिस्काउन्ट रेट (एमडीआर) को उपभोक्ताओं के लिए माफ कर दिया था, लेकिन 50 दिन की अवधि बीतने के बाद बैंकों ने पेट्रोल पंप मालिकों पर एमडीआर लगाने का फैसला किया है। इसका मतलब है कि पेट्रोल पंपों को नौ जनवरी से क्रेडिट कार्ड के जरिए सभी लेन-देन पर एक प्रतिशत और डेबिट कार्ड के जरिए सभी लेन-देन पर 0.25 फीसदी से एक फीसदी के बीच खर्च वहन करना होगा।
इस कदम के विरोध में पेट्रोल पंप संचालकों ने कल से कार्ड के जरिए भुगतान स्वीकार नहीं करने का फैसला किया था। ऑल इंडिया पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय बंसल ने कहा, “हमें तेल विपणन कंपनियों से आधिकारिक पत्र मिला है कि ट्रांजैक्शन शुल्क की वसूली को 13 जनवरी 2017 तक टाल दिया गया है। एआईपीडीए ने भी आंदोलन को 13 जनवरी तक टालने का फैसला किया है।”
अब 13 जनवरी तक पेट्रोल पंपों तथा ग्राहकों की यह समस्या टल तो गई है, लेकिन उसके बाद कौन सा नियम लागू होगा, उस फैसले पर सबकी नज़र टिकी हुई है।