पटियाला हाउस कोर्ट में फ़रवरी 2016 को तत्कालीन जेएनयू छात्रसंघ नेता कन्हैया कुमार पर हमले की एसआईटी जांच की मांग वाली याचिका दायर की गयी थी, जिसे आज सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। जस्टिस रंजन गोगोई की बेंच ने कहा कि इस संबंध में दो साल पहले आदेश जारी कर चुके हैं। कोर्ट ने कहा कि आप मरे हुए घोड़े को चाबुक मारकर फिर से सवारी नहीं कर सकते, अब हम इसे आगे जारी नही रख सकते।
सुप्रीम कोर्ट ने साथ ही उस याचिका को भी ख़ारिज कर दिया है, जिसमें वकील कामिनी जायसवाल ने तीन वकीलों के खिलाफ कोर्ट की अवमानना का नोटिस जारी करने की मांग की थी। इस याचिका में कहा गया था कि वकील विक्रम सिंह, यशपाल सिंह और ओम प्रकाश शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवमानना की है।
गौरतलब है कि कन्हैया कुमार और उमर खालिद पर जेएनयू कैम्पस में देश विरोध नारे लगाने के आरोप लगे थे। जेएनयू की हाई लेवल कमेटी जो इस मामले की जाँच कर रही थी, उन्होंने अपने रिपोर्ट में बताया कि उस रात देश विरोधी नारे लगे थे। वहीं उसी रात संसद हमले के मुख्य आरोपी और आतंकी अफजल गुरु के समर्थन में भी नारे लगने की बात सामने आई थी।