शिखा पाण्डेय । Navpravah.com
तमाम विवादों के बीच सिनेमा घरों में जन्म लेने जा रही फिल्म ‘इंदु सरकार’ से संबंधित एक और सनसनीखेज़ खबर आयी है। अब तक जहाँ फिल्म के ‘इमरजेंसी काल’ पर आधारित होने और कई विवादित खुलासे किए जाने पर विवाद जारी था, वहीं फ़िल्मकार मधुर भंडारकर ने यह कह कर सबको चौंका दिया है कि इस फिल्म का अधिकांश हिस्सा काल्पनिक है!
मधुर भंडारकर ने कहा है कि वह अपनी आगामी फिल्म ‘इंदु सरकार ‘ में यह डिस्क्लेमर डालेंगे कि आपातकाल की पृष्ठभूमि में बनायी गयी इस फिल्म का अधिकांश हिस्सा काल्पनिक है। भंडारकर ने कहा, “मैं इसमें एक डिस्क्लेमर डालने जा रहा हूं। उसमें बताया जाएगा कि फिल्म के लिये घटनाओं को नाटकीय रुप दिया गया है। मैं कह चुका हूं कि इस फिल्म का 70 फीसदी हिस्सा काल्पनिक है और मात्र 30 प्रतिशत हिस्सा ही वास्तविक है। इसलिये अब, मुझे इसके संबंध में फिल्म में एक डिस्क्लेमर डालने की जरुरत है।”
सेंसर बोर्ड द्वारा फिल्म में लगभग 14 कट्स लगाये जाने से हैरान-परेशान फिल्म निर्माता भंडारकर ने कहा कि विवाद के कारण ‘इंदु सरकार ‘ की असली कहानी व उसका सार प्रभावित हो रहा है। उन्होंने कहा, ” ‘इंदु सरकार ‘ की कहानी आपातकाल में फंसे पति और उसकी पत्नी पर आधारित है। यह राजनीतिक फिल्म नहीं है।” आपको बता दें कि सेंसर बोर्ड द्वारा फिल्म में 14 कट लगाये जाने से नाराज़ भंडारकर ने सोमवार को ट्वीट कर बताया था कि वे पुनर्निरीक्षण समिति के पास जाएंगे। उन्होंने कहा,” हम उम्मीद करते हैं कि इसे मंजूरी दे दी जाएगी, अगर ऐसा नहीं होता है तो फिर हमारे पास अपीलीय न्यायाधिकरण के पास जाने के अलावा और कोई रास्ता नहीं होगा।”
संजय गांधी की पुत्री होने का दावा करने वाली महिला प्रिया सिंह पॉल की ओर से फिल्म का विरोध करने व इसके खिलाफ कानूनी नोटिस भेजे जाने के संबंध में प्रतिक्रिया देते हुए भंडारकर ने कहा, “उन्हें नोटिस का औपचारिक जवाब भेज दिया गया है।”
उल्लेखनीय है कि कानूनी नोटिस में भंडारकर पर आरोप लगाते हुए कहा गया है कि उनकी फिल्म का ट्रेलर दिवंगत कांग्रेसी नेता की भ्रामक छवि चित्रित करता है। मधुर भंडारकर निर्देशित ‘इंदु सरकार’ में सुप्रिया विनोद, कीर्ति कुल्हाड़ी, नील नितिन मुकेश तथा अनुपम खेर अहम भूमिका में हैं। फ़िल्म में नील नितिन मुकेश संजय गाँधी और सुप्रिया विनोद इंदिरा गाँधी के किरदार में दिखेंगे। फ़िल्म 28 जुलाई को रिलीज़ होगी। कांग्रेस पार्टी के नेताओं का कहना है कि भंडारकर ने जानबूझकर उनके नेताओं की इमेज खराब करने के इरादे से यह फिल्म बनाई है। इसके अलावा कांग्रेस पार्टी ने यह धमकी भी दी है कि अगर यह फिल्म रिलीज़ की गई तो पार्टी देशभर में इसका विरोध करेगी और सिनेमाघरों में इसका प्रदर्शन नहीं होने देगी।
सेंसर बोर्ड द्वारा काटा गया कंटेंट-
– फ़िल्म में चार डायलॉग को हटाने का कहा गया है जिसमें से तीन डायलॉग फ़िल्म के ट्रेलर में मौजूद हैं। इन डायलॉग में शामिल हैं, “अब इस देश में गाँधी के मायने बदल चुके है.”, “और तुम लोग ज़िन्दगी भर माँ – बेटे की गुलामी करते रहोगे”, भारत की एक बेटी ने देश को बंदी बनाया हुआ है।”, “मैं तो 70 साल का बूढ़ा हूँ, मेरी नसबंदी क्यों करवा रहे हो?”
– सीबीएफ़सी ने उस न्यूज़पेपर की पेपर कटिंग जिसमें इमरजेंसी के दौरान के किसी ख़बर में अटल बिहारी वाजपेयी, मोरारजी देसाई और लाल कृष्ण आडवाणी का नाम प्रकाशित दिखाया गया है, उसे हटाने के लिए कहा है।
– करीबन आठ शब्दों को भी हटाने को कहा गया है जिसमें शामिल हैं किशोर कुमार, आरएसएस, अकाली, कम्युनिस्ट, जयप्रकाश नारायण, पीएम, आईबी। दरअसल गायक किशोर कुमार के गाने इमरजेंसी के दौरान ऑल इंडिया रेडियो और दूरदर्शन पर बैन कर दिए गए थे, क्योंकि उन्होंने कांग्रेस के एक कार्यक्रम में भाग लेने से मना कर दिया था।