विजय माल्या की मुसीबतें अब लंदन मे भी बढ़ीं, ED के साथ CBI अधिकारी तमाम सबूत लेकर लंदन पहुंचे

विजय माल्या

कोमल झा| Navpravah.com

 

17 बैंकों का 9 हजार करोड़ लेकर फरार उघोगपति विजय माल्या के लिए मुसीबत बढ़ने वाली हैं. प्रवर्तन निदेशालय की दो सदस्यों की टीम प्रत्यर्पण की याचिका लंदन के अधिकारियों के सामने पेश करने के लिए लंदन पहुंची है.

प्रवर्तन निदेशालय की टीम के साथ सीबीआई के अधिकारी भी लंदन गए हैं. प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारी माल्या के खिलाफ तमाम सबूत लेकर लंदन पहुंचे हैं. ये अधिकारी पांच हजार पांस सौ पेज की चार्जशीट लेकर लंदन गए हैं. ईडी विजय माल्या के खिलाफ छह अन्य देशो में कानूनी अनुरोध पत्र (लैटरोगैटरी) भेजने जा रहा है. लंदन ले जाए गए दस्तावेजों में माल्या के काले कारनामों की पूरी फेहरिस्त है.

सीबीआई भी अपनी तरफ से तमाम दस्तावेज लंदन कोर्ट में पेश कर चुकी है. सीबीआई इसके पहले माल्या के प्रत्यार्पण की अपील भी कर चुकी है, जिसमें सुनवाई जारी है.

इस मामले में सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि सरकार माल्या के ब्रिटेन से प्रत्यर्पण की कोशिश कर रही है. चार दिसंबर से दो हफ्ते के लिए लंदन में सुनवाई होनी है. कोर्ट ने कहा कि इसके बाद ही आगे की सुनवाई होगी.

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने 9 मई को माल्या को अवमानना का दोषी माना था. सज़ा पर पक्ष रखने के लिए माल्या को व्यक्तिगत रूप से पेश होने को कहा गया था.

माल्या को डिएगो डील के 40 मिलियन डॉलर अपने बच्चों के एकाउंट में ट्रांसफर करने और सम्पत्ति का सही ब्यौरा न देने के लिए अवमानना का दोषी माना गया था. बैंकों ने इस बात की शिकायत की थी.

माल्या ने किस बैंक से कितना लिया लोन?

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया – 1600 करोड़, पंजाब नेशनल बैंक – 800 करोड़, आईडीबीआई बैंक – 800 करोड़, बैंक ऑफ इंडिया – 650 करोड़, बैंक ऑफ बड़ौदा – 550 करोड़, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया – 430 करोड़, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया – 410 करोड़, यूको बैंक – 320 करोड़, कॉरपोरेशन बैंक ऑफ इंडिया – 310 करोड़, सेंट्र बैंक ऑफ मैसूर – 150 करोड़, इंडियन ओवरसीज़ बैंक – 140 करोड़, फेडरल बैंक – 90 करोड़, पंजाब सिंध बैंक – 60 करोड़, एक्सिस बैंक – 50 करोड़.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.