सौम्या केसरवानी।Navpravah.com
दशहरा की छुट्टियों के बाद जब इलाहाबाद हाईकोर्ट खुला तो कामकाज शुरू होते ही एशिया ही नहीं, विश्व का सबसे बड़ा हाईकोर्ट का दर्जा मिल गया। इलाहाबाद स्थित प्रधान पीठ में एकसाथ कुल 59 और लखनऊ खंडपीठ में कुल 21 कोर्ट चलेंगी। एक राज्य की सर्वोच्च न्यायिक संस्था में एकसाथ कुल 80 अदालतें बैठेंगी।
दुनिया में इतनी बड़ी तादाद में कहीं भी एक हाईकोर्ट में कोर्ट नहीं चलतीं। प्रधान पीठ में दो न्यायाधीशों की कुल 20 खंडपीठ और एकल न्यायाधीश वाली कुल 39 एकल पीठ काम करेंगी। इसी तरह लखनऊ खंडपीठ में कुल आठ खंडपीठ और 13 एकल पीठ बैठेंगी। 160 न्यायाधीशों वाले हाईकोर्ट में पहली बार न्यायाधीशों की संख्या 100 के पार पहुंची है।
दशहरा की छुट्टियों के ठीक पहले 19 नए अपर न्यायाधीशों के शपथ लेने के बाद यह संख्या चीफ जस्टिस सहित 109 हो गई है। जजों की संख्या बढ़ने से काम में तेजी आने की संभावनाएं बढ़ गई हैं। मुकदमों के निस्तारण में तेजी आने से हाईकोर्ट पर मुकदमों का बोझ भी कम होने की उम्मीद है।
हाईकोर्ट की स्थापना 17 मार्च 1866 को हुई थी, वकील इसे हाईकोर्ट के 150 वर्षों के गौरवशाली इतिहास में एक नया अध्याय मानते हैं। वकीलों का कहना है इतनी बड़ी संख्या में अदालतों के काम करने से निश्चित तौर पर मुकदमों के निस्तारण में तेजी आएगी।