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सीमा सुरक्षा को मज़बूत बनाने के लिए केंद्र सरकार ने एक अहम कदम उठाया है. गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक़ भारत-पाक सीमा पर 40 से अधिक संवेदनशील स्थानों पर लेज़र दीवारें बनाई जाएँगी. जिससे आतंकवादियों के घुसपैठ को रोका जा सके.
गृह मंत्रालय लेज़र दीवारों के निर्माण को तरजीह दे रहा है. पठानकोट हमले के बाद केंद्र सुरक्षा को लेकर कोई कसर बाकी नहीं रखना चाहता, जिसकी वजह से सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए जा रहे हैं.
लेजर वॉल एक ऐसा तंत्र है, जो लेजर स्रोत और डिटेक्टर के बीच ‘लाइन ऑफ साइट’ से गुजरती चीजों का पता लगा सकता है. नदी पर लगाई जाने वाली लेजर बीम उल्लंघन की स्थिति में एक जोरदार साइरन बजाती है.
भारत-पाक अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर अभी कुल संवेदनशील इलाकों में से मात्र 6 पर ही लेज़र सुरक्षा मौजूद है, जिसकी वजह से आतंकी उन इलाकों से घुसने की फिराक में रहते हैं, जहां लेज़र सुरक्षा घेरा नहीं है. बामियाल में उज नदी का संदिग्ध घुसपैठ इलाका लेजर वॉल से लैस नहीं था, इसी इलाके से जैश ए मोहम्मद ने 6 आतंकवादियों को भेजा था और फिर पठानकोट वायुसेना स्टेशन पर हमला किया था.