पठानकोट एयरबेस में हुए आतंकी हमले में शहीद हुए एयरफोर्स के गरुड़ कमांडो गुरसेवक सिंह के पिता सुच्चा सिंह भले ही बेटे के जाने की भयंकर पीड़ा झेल रहे हैं, लेकिन देश की सेवा का उनका जज्बा अभी भी जस का तस बना हुआ है। सुच्चा सिंह भी सेना में ही थे। बेटे के अंतिम संस्कार के बाद उन्होंने कहा, ‘मेरा एक बेटा शहीद हो गया तो क्या, मेरा बड़ा बेटा भी अभी सेना में है। मैं अपने पोते को भी फौज में भेजूंगा।’
शहीद गुरसेवक के पिता ने कहा कि उनके बेटे ने देश की रक्षा के लिए अपनी जान दी है और पूरे परिवार को इसपर फख्र है। सुच्चा सिंह भी सेना में अपनी सेवाएं दे चुके हैं।
बता दें कि सोमवार को अंबाला स्थित बरनाला गांव में गुरसेवक का अंतिम संस्कार कर दिया गया। कमांडो को अंतिम विदाई देने उनके गांव के ही लोग नहीं, बल्कि पूरा जिला प्रशासन उमड़ा था। इसके अलावा राज्य के तमाम सीनियर मंत्री भी देश के लिए शहीद हुए गुरसेवक सिंह को अंतिम विदाई देने के लिए पहुंचे थे। गुरसेवक को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई।
गुरसेवक सिंह एयरफोर्स की क्विक रिस्पॉन्स टीम में शामिल थे। आतंकी हमले के बाद दहशतगर्दों से सबसे पहले क्विक रिस्पॉन्स टीम ने ही मोर्चा लिया था। गुरसेवक के अंतिम संस्कार के मौके पर सेना के जवानों ने हवाई फायरिंग कर सलामी दी। उन्हें श्रद्धांजलि देने हरियाणा सरकार के कैबिनेट मंत्री कैप्टन अभिमन्यु और अनिल विज भी पहुंचे थे।
वायुसेना में गरुड़ कमांडो रहे गुरसेवक सिंह की 26 वर्षीय पत्नी जसप्रीत कौर ने कहा, ‘मैंने उन्हें शुक्रवार को कॉल किया था, लेकिन उन्होंने फोन काट दिया था। उन्होंने मेसेज कर कहा था कि बाद में फोन करूंगा। उन्होंने कहा, फोन करूंगा, लेकिन फोन नहीं आया तो सो जाना। लेकिन उनका फोन नहीं आया।’