एयर इंडिया ने नौकरी देने से किया इनकार, तो ट्रांसजेंडर ने राष्ट्रपति से की ‘इच्छा मृत्यु’ की मांग

सौम्या केसरवानी | Navpravah.com

देश में तीसरे लिंग को बराबरी का दर्जा देने पर बहस चल रही हैं और उच्चतम न्यायालय ने भी उनके लिंग को पहचान देने के निर्देश दिए हैं। वहीं विमानन कंपनी एयर इंडिया ने एक ट्रांसजेंडर को नौकरी देने से मना कर दिया है।

शानवी ने एयर इंडिया में केबिन क्रू के सदस्य के तौर पर नौकरी के लिए आवेदन किया था, कंपनी ने उसे नौकरी देने से मना कर दिया। जिसके बाद शानवी ने पिछले साल उच्चतम न्यायालय का रुख किया था और कंपनी के निर्णय को चुनौती दी थी।

राष्ट्रपति को लिखे अपने पत्र में शानवी ने दावा किया है कि एयर इंडिया और नागर विमानन मंत्रालय ने उच्चतम न्यायालय के नोटिस का जवाब अभी तक नही दिया है। उसने कहा है कि बिना नौकरी के वह अपना गुजारा करने में सक्षम नहीं है, इसलिए उसे ‘इच्छा मृत्यु’ दी जाये।

ट्रांस राइट्स नाऊ कलेक्टिव नामक फेसबुक पेज ने शानवी के हवाले से लिखा है, “यह स्पष्ट है कि भारत सरकार मेरे जीवन के मुद्दे और रोजगार के प्रश्न पर जवाब देने को तैयार नहीं है और ऐसे में उच्चतम न्यायालय में लड़ाई के लिए वकीलों को पैसा देना भी संभव नहीं है।”

शानवी ने लिखा है कि उसने ग्राहक सहायक कार्यकारी के तौर पर एक साल तक एयर इंडिया में नौकरी की और उसके बाद उसने लिंग परिवर्तन कराने की सर्जरी करा ली। इसके बाद उसने दो साल में चार बार नौकरी के लिए आवेदन किया, लेकिन अब तक उसे नौकरी नहीं दी गई है।

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