नितीश कुमार मिश्र | नवप्रवाह डॉट कॉम
उत्तर प्रदेश में योगी सरकार 2.0 की शुरुआत हो चुकी है और इसके साथ ही शुरुआत हो चुकी है विस्तारीकरण की। पिछली सरकार में दो उपमुख्यमंत्री थे, केशव प्रसाद मौर्य एवं दिनेश शर्मा। इस बार केशव प्रसाद मौर्य के चुनाव हारने के बाद कयास लगाए जा रहे थे कि केशव प्रसाद को पुनः उपमुख्यमंत्री का दायित्व नहीं मिलेगा, लेकिन उनका स्थान यथावत रखा गया है एवं दिनेश शर्मा कोपद से हटा कर एक नया नाम शामिल किया गया है, वह हैं ब्रजेश पाठक।
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि दिनेश शर्मा ब्राह्मण वोटरों को रिझाने में उतने सफल नहीं हो पाए जितनी की उम्मीद उनसे की गई थी।
कौन हैं ब्रजेश पाठक ?
ब्रजेश पाठक का जन्म 25 जून 1964 को हरदोई जिले के मल्लावां कस्बे में हुआ था। ब्रजेश पाठक पेशे से वकील हैं। उन्होंने लखनऊ विश्वविद्यालय से विधि स्नातक की शिक्षा ग्रहण की है। छात्र राजनीति से ही इन्होंने अपने राजनीतिक सफ़र की शुरुआत की थी। वर्ष 1989 में लखनऊ विश्वविद्यालय छात्र संघ के उपाध्यक्ष बने और 1990 में लखनऊ विश्वविद्यालय छात्रसंघ के अध्यक्ष भी बने। इसके बाद वे कांग्रेस में शामिल हुए और मुख्य धारा की राजनीति में कदम रखा। साल 2002 के विधानसभा चुनाव में मल्लावां विधानसभा सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव भी लड़े, लेकिन करीबी मुकाबले में मात्र 130 वोटों से चुनाव हार गए।
इसके बाद ब्रजेश पाठक साल 2004 में बसपा में शामिल हो गए और 2004 में उन्नाव लोकसभा सीट से बीएसपी के टिकट पर चुनाव जीत कर सांसद बने। फिर 2009 में बसपा ने उन्हें राज्यसभा भेजा, जहां वे सदन में बसपा के मुख्य सचेतक भी रहे। लेकिन साल 2014 में प्रचंड मोदी लहर में जब उन्होंने दूसरी बार लोकसभा का चुनाव उन्नाव की सीट से लड़ा, तो इन्हें हार का सामना करना पड़ा।
साल 2016 में उन्होंने एक बार फिर अपना पाला बदला एवं 22 अगस्त 2016 को इन्होंने तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा की मौजूदगी में बसपा का साथ छोड़ बीजेपी का हाथ थाम लिया।
2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने इन्हें लखनऊ सेंट्रल से अपना उम्मीदवार बनाया और पार्टी की उम्मीदों पर खरे उतरते हुए इन्होंने इस सीट पर विजय हासिल की एवं जीत के पुरस्कार स्वरुप पार्टी ने इन्हें प्रदेश सरकार में कानून मंत्री का पद सौंपा।
ब्रजेश पाठक को इस बार भी लखनऊ कैंट विधानसभा से प्रत्याशी बनाया गया। पार्टी के विश्वास को कायम रखते हुए इन्होंने जीत दोहराई। पाठक ने समाजवादी पार्टी के सुरेंद्र सिहं गांधी उर्फ राजू गांधी को 39,512 वोटों से हराया है। लखनऊ कैंट विधानसभा ब्राह्मण बाहुल्य सीट है। पाठक पेशे से वकील हैं और बीते कुछ वक्त में उत्तर प्रदेश में बीजेपी के बड़ा चेहरे बनकर उभरे हैं।