स्पोर्ट्स डेस्क. सुपर फाइनल समेत इस विश्व कप ने हमें ढेर सारी यादें दी। मगर इस विश्व कप को खराब अंपायरिंग के लिए भी याद किया जाएगा। शुरुआत से लेकर फाइनल तक न सिर्फ मैदानी अंपायर बल्कि टीवी अंपायरों के फैसले पर भी सवाल खड़े होते रहे। खामियाजा टीमों को भुगतना पड़ा। फाइनल में भी कम से कम तीन मौकों पर अंपायरों ने गलत निर्णय दिए।
फाइनल में ढेर सारी भूल
तीसरे ओवर में ही न्यूजीलैंड के बल्लेबाज हेनरी निकोलस को कुमार धर्मसेना ने आउट दिया। रिव्यू के बाद फैसला वापस लेना पड़ा।
23वें ओवर में केन विलियमसन के बल्ले से लगकर गेंद गई, लेकिन धर्मसेना ने नॉटआउट करार दिया। इंग्लैंड ने रिव्यू लिया और विलियमसन आउट हो गए।
34वें ओवर में रॉस टेलर को अंपायर इरासमस ने एलबीडब्ल्यू आउट दिया। जबकि टीवी रिप्ले से स्पष्ट था कि वह आउट नहीं थे।
पहली गेंद पर जेसन रॉय के खिलाफ एलबीडब्ल्यू की अपील। अंपायर ने आउट नहीं दिया। रिव्यू में गेंद स्टंप को छूकर जा रही थी मगर अंपायर कॉल दिया गया।
टूर्नामेंट के दौरान किस अंपायर के कितने फैसले पलटे गए
विवादित फैसले
रोहित शर्मा को वेस्ट इंडीज के खिलाफ कैच आउट दिया गया जबकि गेंद पैड से लगकर गई थी।
जेसन रॉय को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ कुमार धर्मसेना ने कैच आउट दिया। मगर रिप्ले में साफ था कि गेंद बल्ले से नहीं लगी थी।
इन फैसलों ने बदल दिया मैच का रुख
सेमीफाइनल में विराट का एलबीडब्ल्यू। रिव्यू के बाद अंपायर कॉल दिया गया।
सेमीफाइनल में जब धौनी रनआउट हुए, तब 5 की बजाय छह खिलाड़ी घेरे से बाहर थे।
क्रिस गेल ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ जिस गेंद पर आउट हुए, दरअसल वह फ्री हिट होनी चाहिए थी।
वेस्ट इंडीज ने पलटे सबसे ज्यादा निर्णय
वेस्ट इंडीज ने 9 बार डीआरएस से मैदानी अंपायर का फैसला पलटा।
भारत, श्रीलंका और दक्षिण अफ्रीका ने भी 4-4 बार डीआरएस का सफल इस्तेमाल किया।
बारिश ने इस बार सबसे ज्यादा सताया
इंग्लैंड में खेले गए विश्व कप में बारिश विलेन बनी। बारिश के कारण आठ मुकाबले बेनतीजा रहे। पहली बार किसी विश्व कप में सर्वाधिक मैच बारिश से धुलने का रिकॉर्ड बना। बारिश के कारण भारत और न्यूजीलैंड के बीच खेला गया पहला सेमीफाइनल मुकाबला भी दो दिन तक चला। पहले दिन किवी टीम ने 47।1 ओवर खेले। दूसरे दिन न्यूजीलैंड ने पहली पारी पूरी की और भारतीय पारी भी खेली गई।