नई दिल्ली. राजधानी दिल्ली में हुई हिंसा और नागरिकता संशोधन एक्ट सीएए के खिलाफ जारी प्रदर्शन से जुड़ी कई याचिकाओं पर शुक्रवार को दिल्ली हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। शाहीन बाग समेत अन्य आठ इलाकों में जारी विरोध प्रदर्शन को लेकर डाली याचिका में पूछा गया कि इनकी फंडिंग कौन कर रहा है। इस याचिका पर अब दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार, राज्य सरकार और दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया है। इसके अलावा भी अन्य कई मामलों में शुक्रवार को हाई कोर्ट में सुनवाई हुई।
याचिकाकर्ता अजय गौतम ने हाई कोर्ट में अर्जी डाली थी कि इन प्रदर्शनों की वजह से दिल्ली में हिंसा का माहौल बना है। ऐसे में इसकी जांच होनी चाहिए कि इन धरना प्रदर्शनों की फंडिंग कौन कर रहा है। अब हाई कोर्ट ने इस याचिका पर दिल्ली पुलिस, दिल्ली सरकार, केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है और 30 अप्रैल तक जवाब देने को कहा है। इस मामले की सुनवाई दिल्ली हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डीएन पटेल की अगुवाई वाली बेंच ने की। दिल्ली हाई कोर्ट में इस दौरान सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, वारिस पठान के द्वारा दिए गए बयानों पर भी सुनवाई हुई।
याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि इन नेताओं ने भड़काऊ बयान दिया और लोगों को उकसाया। हाई कोर्ट ने अब इस याचिका पर दिल्ली पुलिस, केंद्र और राज्य सरकार को नोटिस दिया है। इस मामले पर अब 13 अप्रैल को सुनवाई होगी। इस याचिका में सोनिया गांधी के उस बयान का हवाला दिया गया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि मोदी सरकार के खिलाफ हमें सड़कों पर आना होगा। जबकि वारिस पठान के द्वारा दिए गए 15 करोड़ वाले बयान का भी इसमें जिक्र किया गया।
हाई कोर्ट में इसके अलावा बॉलीवुड अभिनेत्री स्वरा भास्कर, हर्ष मंदर के खिलाफ एनआईए जांच की अपील की गई। दोनों पर आरोप लगाया गया है कि इन्होंने नागरिकता संशोधन एक्ट और एनआरसी के मसले पर भड़काऊ ट्वीट किए। इस मामले में भी हाई कोर्ट ने दिल्ली पुलिस, दिल्ली सरकार को नोटिस जारी कर दिया है। अब इस केस की सुनवाई 13 अप्रैल को होगी।आपको बता दें कि दिल्ली में बीते दिनों नागरिकता संशोधन एक्ट के मसले पर बवाल हो गया था। एक्ट के समर्थक और विरोधी गुट आमने सामने आए, जिसके बाद उत्तर पूर्वी इलाके में हिंसा फैल गई। इस हिंसा में अबतक 38 लोगों की जान चली गई है।