मालदीव इन दिनों सत्ता को लेकर संघर्ष के दौर से गुजर रहा है। समुद्री नजारों के लिए दुनिया भर में विख्यात मालदीव में भारत और चीन के बीच शक्ति संतुलन को लेकर भी जद्दोजहद देखने को मिल रही है। सुप्रीम कोर्ट की ओर से राजनीतिक कैदियों और विपक्षी नेताओं को जेल से रिहा किए जाने के आदेश के बाद सोमवार को राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन ने देश में आपातकाल घोषित कर दिया था।
इसके बाद सुरक्षा बलों ने अदालत पर कब्जा जमा लिया और चीफ जस्टिस समेत दो सीनियर जजों को अरेस्ट कर लिया गया है। इसके अलावा पूर्व राष्ट्रपति गयूम को भी अरेस्ट कर लिया गया है। इसके बाद कल सरकार के दबाव में और जजों ने पिछले आदेश को वापस लेने का फैसला सुनाया.है। यह सब घटनाक्रम यूं तो मालदीव में हो रहा था, लेकिन इससे भारत में भी चिंता देखी गई।
एशिया में चीन को अपना प्रमुख भू-राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी मानने वाला भारत पीएम मोदी के नेतृत्व में अमेरिका और जापान के सहयोग से क्षेत्रीय स्तर पर अपना वर्चस्व साबित करना चाहता है। हालांकि इस बीच चीन ने भी दक्षिण और दक्षिण पूर्व एशिया में अपना वर्चस्व बढ़ाने के प्रयास किए हैं।