लखनऊ. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सुरक्षा को लेकर सतर्कता बरती जा रही है। केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) ने लोकभवन स्थित मुख्यमंत्री कार्यालय में बाहरी तरफ लगे शीशों को मुख्यमंत्री की सुरक्षा के लिए खतरा बताया है। इसलिए राजकीय निर्माण निगम को अब इन शीशों को बुलेटप्रूफ बनाने के निर्देश दिए गए हैं।
विधानभवन, सचिवालय परिसर और लोकभवन की सुरक्षा के लिए CISF की रिपोर्ट पर अपर मुख्य सचिव गृह एवं गोपन अवनीश कुमार अवस्थी की अध्यक्षता में हुई बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। इसके तहत मुख्यमंत्री कार्यालय के शीशों को बुलेटप्रूफ बनाने के साथ लोकभवन के पंचम तल पर एक एक्स-रे बैगेज स्कैनर भी लगाने को कहा गया है।
इन इमारतों में घुसपैठ की आशंका खत्म करने के लिए चहारदीवारी पर लेजर आधारित या इसी तरह का कोई अन्य इंट्रूजन डिटेक्शन सिस्टम लगाया जाएगा। चहारदीवारी के पास के पेड़ों की कटाई-छंटाई के साथ नजदीक के बिजली खंभों को भी एक हफ्ते में हटाया जाएगा।
इसके अलावा परिसर के वाच टावरों को भी 10 दिन में नेट से कवर करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि कोई ग्रेनेड से नुकसान न पहुंचा सके। इन परिसरों के पार्किंग स्थल में एंटी सेबोटाज जांच होगी, जबकि लोकभवन के सुरक्षाकर्मियों को एटीएस से प्रशिक्षण दिलाया जाएगा। लोकभवन में सीसीटीवी कंट्रोल रूम बनाने और इनके जरिए पूरे परिसर पर नजर रखने की व्यवस्था बनाने को कहा गया है, जबकि लोकभवन में पब्लिक एड्रेस सिस्टम भी लगाने के निर्देश दिए गए हैं।
गेट नं. 7 मुख्यमंत्री के लिए
नई सुरक्षा व्यवस्था के तहत सचिवालय के गेट नंबर 7 से मुख्यमंत्री के प्रवेश व निकासी की संस्तुति की गई है। इस गेट के सामने से अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए गए हैं। मंत्री, विधायक व अधिकारी विधान भवन में गेट नंबर आठ व नौ और लोकभवन में गेट नंबर एक व तीन से आवागमन कर सकेंगे।
ये भी होंगे उपाय
विधान भवन परिसर में चौपहिया वाहन आरएफआइडी (रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन) टैग से और दोपहिया वाहन स्मार्ट कार्ड से इंट्री पाएंगे। पैदल आने वाले लोकभवन के गेट नंबर छह व छह-ए से अस्थायी फोटो आइडेंटिटी कार्ड जारी कराके जांच के बाद प्रवेश पा सकेंगे। लोकभवन के गेट नंबर तीन, चार, आठ व नौ के प्रवेश द्वार पर रंबल स्ट्रिप बनाई जाएगी।