लखनऊ। लोकसभा चुनाव के दौरान सूबे में शानदार प्रदर्शन करने के बाद से ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार में फेरबदल की अटकलें लगायी जा रही हैं। अब इस बात की चर्चा एक बार फिर तेज हो गई।
सुत्रों के मुताबिक, योगी और BJP के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव की मौजूदगी में शुक्रवार को दिल्ली में आला नेताओं ने इस पर मंथन किया। BJP के सूत्रों की माने तो इस महीने के अंत तक मंत्रिमंडल विस्तार होने की संभावना है।
पार्टी के प्रदेश महामंत्री (संगठन) सुनील बंसल पहले से ही दिल्ली में हैं और उन्हें रोक लिया है। इस बीच BJP ने शनिवार को प्रदेश मुख्यालय पर उपचुनाव और संगठनात्मक चुनाव की तैयारियों पर भी बैठक बुलाई है। इन बैठकों में उपचुनाव के लिए बनाए गए प्रभारी बनाए गए मंत्रियों को पूरी रिपोर्ट के साथ बुलाया गया है।
प्रदेश में 60 सदस्यीय मंत्रिपरिषद हो सकता है। योगी सरकार ने मार्च 2017 में जब शपथ ली थी तो मुख्यमंत्री सहित 47 सदस्यीय मंत्रिपरिषद ने शपथ ली थी। इसमें तीन मंत्रियों सत्यदेव पचौरी, डॉ। एस।पी। सिंह बघेल और डॉ। रीता बहुगुणा जोशी ने सांसद चुने जाने के कारण त्यागपत्र दे दिया है। सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर को मंत्रिमंडल से बर्खास्त किया जा चुका है।
मंत्रिमंडल में शामिल स्वतंत्र देव सिंह को BJP के प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी मिल चुकी है। सिंह भी जल्द ही मंत्रिमंडल छोड़ देंगे। ऐसी स्थिति में मंत्रिपरिषद सिर्फ 42 सदस्यीय ही रह जाएगा। फिर अभी तक योगी मंत्रिपरिषद में एक बार भी फेरबदल नहीं हुआ है।
संघ और पार्टी नेतृत्व तथा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मंत्रिपरिषद में कुछ को शामिल करने के साथ कुछ को तरक्की देना चाहते हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और BJP नेताओं के बीच इस सिलसिले में कई दौर की बातचीत हो चुकी है।
शीर्ष नेतृत्व कर चुका है मंथन
राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, कार्यकारी अध्यक्ष जे।पी। नड्डा सहित अन्य लोगों ने भी इस सिलसिले में मंथन पूरा कर लिया है। कुछ के विभाग बदले जा सकते हैं और कुछ को और महत्वपूर्ण विभाग दिया जा सकता है। एक या दो राज्यमंत्रियों का कद भी बढ़ाए जाने के संकेत हैं।