पाकिस्तान ने फिर एक बार सयुंक्त राष्ट्र में कश्मीर का मुद्दा उठाया है। साथ ही पाक ने उनके रिजॉल्यूशन में ‘सेलेक्टिव इम्प्लीमेंटेशन’ का आरोप लगाया है। पाकिस्तान ने यह मुद्दा ऐसे समय में उठाया है, जब दोनों देशों में तनाव भरा माहौल है।
मंगलवार को पाकिस्तान की तरफ से संयुक्त राष्ट्र में स्थायी प्रतिनिधि मलीहा लोधी ने सत्र के दौरान संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की कार्यप्रणाली पर बोलते हुए कहा कि परिषद की साख पर सेलेक्टिव इम्प्लीमेंटेशन की वजह से जितना बट्टा लग रहा है, उतना किसी और चीज से नहीं।
मलीहा ने आगे कहा कि परिषद को इसलिए समय-समय पर अपने रिजॉल्यूशन के इम्प्लिमेंटेशन की समीक्षा करते रहना चाहिए। खासकर, लंबे समय से लंबित पड़े मुद्दों के ऊपर जैसे- जम्मू कश्मीर। मलीहा लोधी ने कहा कि अगर परिषद अपने रिजॉल्यूशन को लागू करने में विफल रहता है, तो इससे ना सिर्फ दुनिया के सामने परिषद कमजोर होगा, बल्कि संयुक्त राष्ट्र पर भी उसका असर पड़ेगा।
मलीहा का संदर्भ उस 1948 काउंसिल रिजॉल्यूशन की ओर था, जिसमें कश्मीर के भविष्य के निर्धारण के लिए जनमत संग्रह की बात कही गई है। गौरतलब है कि भारत इससे पहले जम्मू-कश्मीर पर अपना स्टैंड कई बार साफ कर चुका है। भारत ने कहा था कि जम्मू-कश्मीर के मुद्दे में किसी भी तीसरे पक्ष का शामिल होना उसे कतई मंजूर नहीं है।